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________________ के समय में हो चुकी थी । यही कारण है कि आचार्य कुन्दकुन्द ने अपने ग्रन्थों में श्वेताम्बर प्रवृतियों का निषेध किया है । डॉ. नेमिचन्द्र शास्त्री ने प्राचार्य कुन्दकुन्द के जीवन-परिचय का पुनराख्यान 2 इस प्रकार किया है कि वे दक्षिण भारत के निवासी थे । उनके पिता का नाम 'करमण्डु' और माता का नाम 'श्रीमती' था । उनका जन्म 'कोण्डकुन्दपुर' नामक स्थान में हुआ था | कहा जाता है कि बहुत दिनों तक करमण्डु-दम्पति के कोई सन्तान नहीं हुई । अनन्तर एक तपस्वी ऋषि को दान देने के प्रभाव से उन्हें पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई, जिसका नाम गाँव के नाम के आधार पर कुन्दकुन्द हुआ । जैसा पहले कहा गया, कुन्दकुन्द बाल्यावस्था से ही अत्यन्त मेधावी थे । अपनी विलक्षण स्मरणशक्ति और कुशाग्रबुद्धिता के कारण अल्प समय में ही उन्होंने अनेक ग्रन्थों का अध्ययन कर लिया था । युवावस्था प्राप्त होते ही वे विरक्त हो श्रमणदीक्षा धारणकर मुनि बन गये और उनका दीक्षाकालीन नाम 'पद्मनन्दी' हुआ | Jain Education International इस प्रकार, कल्पान्तकारी आचार्य कुन्दकुन्द के जीवन के सम्बन्ध में अनेक रूपान्तर उपलब्ध होते हैं । रचनाकार की सार्थकता या सफलता इसी अर्थ में है कि वह अपनी रचनाओं में जीवित होता है । भले ही श्राचार्य कुन्दकुन्द की जीवनी विवादास्पद हो, किन्तु उनकी कृतियों से यह स्पष्ट है कि आत्मज्ञान का प्रयास ही उनका जीवन-दर्शन था । कहना न होगा कि नित्यस्मररणीय सिद्ध आचार्यों की गुणलब्धि से सम्पन्न ऊर्ध्वचेता आचार्य कुन्दकुन्द प्राकृत भाषा के चूड़ान्त विद्वान् और 'षट्प्राभृत, के निर्माता एवं 'षट्खण्डागम' के ज्ञाता थे । श्रमण परम्परा के सिद्धान्त साहित्य के प्ररूपक के रूप में उनका नाम, जैसा प्रारम्भ में कहा गया, ब्राह्मण परम्परा के सिद्धान्त 'निरूपक प्राचार्य शंकर की भाँति, शाश्वत श्रौर कूटस्थ है। 1. 'जैन सिद्धान्त भास्कर' ( वही ), भाग 1, किरण 4, पृ० 58 2. द्र० प्राकृत भाषा और साहित्य का प्रालोचनात्मक इतिहासः, डॉ० नेमीचन्द्र शास्त्री पृ० 2211 3/4 For Private & Personal Use Only सम्पादक, 'परिषद पत्रिका' बिहार - राष्ट्रभाषा परिषद् आचार्य शिवपूजन सहाय मार्ग, पटना-800004 www.jainelibrary.org
SR No.014033
Book TitleMahavira Jayanti Smarika 1981
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyanchand Biltiwala
PublisherRajasthan Jain Sabha Jaipur
Publication Year1981
Total Pages280
LanguageEnglish, Hindi
ClassificationSeminar & Articles
File Size20 MB
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