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________________ विनान के सहारे प्राकृतिक शक्ति का उपयोग सुरक्षित रय मकेगी यह विचारनीय है। रूस, इग्लण्ड और अमेरिका म अणुशक्ति का प्रयोग कल-कारमाना में हान लगा है और भारत भी एतदय प्रयत्नशील है। यदि मानव जीवन के उपयोग में आने वाली वस्तुमा का समुचित निर्माण अणुशक्ति द्वारा हाने लगे तो इधन को बहुत बड़ी वचत होगी, जो गष्ट्र की भौतिक निधि है। अब तो मानव ने अपने भौतिक जीवन के विकामाथ प्राकृतिक गक्तिया का जो उपयोग व विकाम किया है वह चरम कोटि तक पहुंच चुका है । अत अव तो आवश्य यह है कि पिध्वस कारीगक्तियो का उपयोग मुख गान्ति के मृजन में हा, जिममे मानवता शताब्दियानक अनुप्राणित होती रहे । अणुशक्ति की सहायता से अब तो रोग मुक्ति के अतिरिक्त मृत्यु पर विजय पाने की प्रागा की जा रही है। कहा ही जा सकता कि वानिको का यह स्वप्न बज्ञानिर दृष्टि में क्व साकार होगा।
SR No.010855
Book TitleAadhunik Vigyan Aur Ahimsa
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGaneshmuni, Kantisagar, Sarvoday Sat Nemichandra
PublisherAtmaram and Sons
Publication Year1962
Total Pages153
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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