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________________ ( २३ ) खेतल (६१) क्षेत्रपाल देव । | गम (३६, ३६)-पहुँच, ज्ञान । खेष (१४, ६०)-द्वेष, डाह । गमर (८७)-युद्ध खेवी (५५)द्वष, डाह । गमा (४०)-हु-गमां, चारो ओर। खेरिया (६२)-मार डाले। | गमाडा (८)-नाश कीजिए, मिटाइए खेळा (६१)-~साथी, मित्र । गमाया (२१)-नाग किये। खेलियो (६३)-खेला, क्रीडा की। गमायो ( ५४, ५५ )- नाश किया, खेलो (३२)-खेलो, युद्ध करो। | मिटा दिया। "संग (८६)-घोडा गमियो (२)-नाग हुआ । चर (११)-कुशल क्षेत्र गर्म (७८) - जाते हैं। खोटी (१००)-खराव, बुरी। गयरण (५१, ८६)- गगन, आकाश । खोडील (५)-बुरी आदतें, गर्व ।। गयासुर (४)-एक असुर का नाम । खोसण (५) छीनने को, छीनने वाली गरना (२७, ३६, ७६)-वृद्ध गरढेरा (६२)~वृद्ध गग (४४)-गगा नदी। गरढरी (१६)-प्रति वृद्धी। गगा (२)-गा गरढेरौ (४, ७) वृद्ध। . गंगेव (४४)-गागेय, भीष्म पितामह । गरढी (४७, ६८,६०)- वृद्ध, प्राचीन गजण (४५) नाश करने वाला। गरव (५५)--गर्व, अभिमान । गजराज (६)-वडा हाथी। गरुनी (२४)--गभीर गजरौ (७८) - भक्तराज, गजराज का गळ्यिा (२१) निगल गई, मास-पिंड गटक (२०)-घूट गह (५५)-गंभीर गडा (३८)-गाढा गहन (6)- गभीर गणा (७६)-समझे गति (९५, २१, ३५, ४२)-हाल, ग्रहिया (६०)-ग्रहण करने से। लीला, गतिका, मोक्ष । गाजण (१००)-पराजित करने को। गत्ती (६१)-गति, मोक्ष । गाजै (५८)-संहार करता है, नाश गदा (१७)-शस्त्र विशेष । करता है, पराजित करता है। गदापति (४३)--गदा नामक शम्य गान (१०३)-गुण-गान, नाम-स्मरण ___ को धारण करने वाला, विष्णु गामी (ग्रामी) (२७)-गमन करने गनाइति (१०१)-समधी वाला।
SR No.010757
Book TitlePirdan Lalas Granthavali
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAgarchand Nahta
PublisherSadul Rajasthani Research Institute Bikaner
Publication Year
Total Pages247
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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