SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 176
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ [ २४ ] गाइ (६, ३६, ४५)-गाय, गा। गिर (४७)--पर्वत, गिरि । गाइया (९०)-- गाएँ गिरवर (६५)-गिरिवर, पर्वत । गाजिया (८७, ६६)- गर्जित हुए। गिळि (४८)---निकल गया। गाजियो (५५, ८०)-गर्जना की। गिळ्यिा (२०, १८, १००)---निगल गाढि (५०)---ठोस रूप से, सम्मिलित गई, ध्वस कर दिये, सहार गाय (६४)-गौ कर दिया। गालियो (८३)-नष्ट कर दिया, मिटा | गिळियौ (९४) निगल गया। दिया। | गिल (४, ४७, ६६, ८७)---निगलता गावतरी (४४)-गायत्री है, नाश करता है, निगल गावड (१०१) - गाये जाते हैं। गावतरी (१३, २१)-गायत्री गीता (३२)- भगवद् गीता । गावा (३८)-वर्णन करें। गुबार (१७)--गवार गाविड (८३)-गाएं गुड़ाया (६३)--मार डाला, सहार गावित्री (३२)-गायत्री किये। गायो (३२)-गाया गुडिदा (९८)-१ सिर, २ वीर । गाहिया (६०)-ध्वस किए। गुडिस (६६)--लुढक जायेंगे। गाहैडि (३८)-गंभीर, गाभीर्य। गुर्ड (६६, ८७)-वीर गति प्राप्त होंगे गियो (५६, ७१)-गया, मिट गया, । गिर गये, लुढक गये । नाश हो गया। गुण (६७)- कीर्ति । निरिण (४२, ७३)-समझ, समझकर गुणपति (6)-गणपति, गजानन । गिणियां (६३)-समझा गुणी (४७) - गुनवान, उत्कृष्ठ । गिरणीजे (४६ )-गिना जाता है, | गुद्र (६४)-मास-पिंड। गिनिए। गुर (३८)---शिक्षक, ज्ञानदाता । गिनका (९५) वेश्या गुरड (३६)~-विष्णु के वाहन का नाम गिनिका (७४)-एक वेश्या जिते भग-1 जो पक्षियो के राजा समझे . वान ने मोक्षपद दिया । जाते हैं, गरुड़। गिमि (६१)-मिटा दे, नाश करदे । गुरहर (६०)-~गुरुवर, श्रेष्ठ ।
SR No.010757
Book TitlePirdan Lalas Granthavali
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAgarchand Nahta
PublisherSadul Rajasthani Research Institute Bikaner
Publication Year
Total Pages247
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy