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________________ [ २० ] कुहाडं (६६) कुल्हाडी। | केवी (१६)-मनु। कूत्रो (८६)-कूप । , केसव (१, ७४)-विष्णु, श्रीकृष्ण, कूकड़ा (५८)-कपडे की वाती, वस्त्र केशव । __ वर्तिका । | केसवराड (१००)-केशवराज, ईश्वर । कूकूउवा ४८)-त्राहि-त्राहि, पुकार । विष्णु का एक नाम । कूखा (१०१)-कोस, कुक्षिा | केसवा (९, १०, ३४) केशव, विष्णु कूटता (१३) मारने पर। का एक नाम । कूटाडि से (१०)-असत्य करेगा, झूठा केहर (२६) नृसिंह । सिद्ध करेगा। केहिक (१००)-कुछ, करें। कूटिज (१६)-पीटे जायेंगे। 'के (४६, २०, ४१,४४, ६१)--किस, कूटिया (३६, १००)-नाश किये, का। संहार किये, मरे। कैये (५१)-कितने। कूडा (१६)---असत्य भापी। कर (७५)-किसके। कूप (३५)-कूया। को (२३)---कोई। कूवडी (३०)-कुब्जा नामक कस की | कोइ (४१)-कोई, निश्चित । दासी। कोइला-गिरि (२१)—पर्वत विशेष । कूरम (३, ६)-कच्छप, सूर्यावतार, कोकि (२८)-विष्णु। कच्छपावतार । कोट (२८)-मधु, कैटम।। के (११, १७, १८)-क्या, कई। कोटवाळ (१३)—पहरेदार, चौकीदार केई (३६, ३६, ४१, ५१, ६६, ६७, | कोड (E)-उत्साह, उमंग ।। ६६)-कितने ही, कई, कितनी। कोड (८७)-करोड़। केकाण (५२)-अश्व, घोडा। कोडि (३१, २०, २६, ३६, ४४)केरिण (३०)-किस। करोड, कोटि । केतो (४६)-कितना। कोडिया (३३)-कोटी, कोड़। केथि (१६)-कहाँ । कोड़े (१२)—कोटि, कोड । केम (७, ४६, ६६) कैने, किस प्रकार | कोप (३२, ६५)-गुस्सा। केरडा (६६)-करील का वृक्ष ? कोपियो (५२, ५४)-कोप किया। केवल-गियान (२६) कैवल्य ज्ञान । कोपै (५३, ४२, ६०)-कोप करता है।
SR No.010757
Book TitlePirdan Lalas Granthavali
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAgarchand Nahta
PublisherSadul Rajasthani Research Institute Bikaner
Publication Year
Total Pages247
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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