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________________ vi ] अध्याय 6 मानक हिन्दी तथा उसकी प्रमुख बोलियो मे विकसित देश्य शब्द 169-203 निष्कर्ष 202 अध्याय 7 देशीनाममाला का भाषाशास्त्रीय अध्ययन ' ध्वनिग्रामिक विवेचन 204-303 205 206 206-211 211 213 खण्डीयध्वनि ग्राम स्वर ध्वनिग्राम-प्राप्य स्वर ध्वनिग्रामो की प्रकृति श्र, पा, इ, ई, उ, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ, ऋ, ल का प्रयोग, ऐ और श्री की स्थितिस्वर ध्वनि नामो का वितरण खण्डेतर स्वर ध्वनिग्राम अनुम्वार तथा अनुनासिक विसर्ग का प्रयोग सन्धि और स्वर-सयोग य श्रुति पौर व श्रुति स्वराघात देशीनाममाला के व्यजन ध्वनिग्राम कण्ठ्य -क, ख, ग, घ, तालव्य - च, छ, ज, झ, मूर्धन्य-ट, ठ, ड, ढ, ण, ह ध्वनिग्राम की स्थिति दन्त्य या वय॑-त, थ, द, ध, न श्रोष्ट्य-प, फ, ब, म, म, म्ह की स्थिति अन्त स्थ व्यजन-य, र, ल, व, ल्ह की स्थिति स और ह 213 214 215 216 223 225 226 229 233 240 245 250 255 निष्कर्ष 257 257 व्यजन परिवर्तन 1. लोप-(क) आदिव्यजन-लोप (ख) मध्यव्यजनलोप 258
SR No.010722
Book TitleDeshi Nammala ka Bhasha Vaignanik Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivmurti Sharma
PublisherDevnagar Prakashan
Publication Year
Total Pages323
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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