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________________ अध्याय 4 रयणावलो (देशीनाममाला) का सांस्कृतिक अध्ययन 103-128 104 105 106 117 117 देशीनाममाला का सामाजिक वातावरण सामाजिक एव पारिवारिक सम्बन्ध रहन-सहन, रीति-रिवाज तथा वेश-भूषा व खान-पान यू तक्रीडा घरेलवस्तुएँ सामाजिक उत्सव एवं खेल-कूद धार्मिक आचार-विचार और देवी-देवता साहित्य और कला ग्रामीण कृषक-जीवन से सम्बन्धित शब्दावली राजनीति और शासन-व्यवस्था निष्कर्ष 119 121 124 126 127 128 अध्याय 5 देशी शब्दों का विवेचन 129-168 131 134 140 145 देशी शब्दो का स्वरूप-विभिन्न मत प्राकृत तथा देशी अपभ्रश और देशी निष्कर्ष देशी शब्दो के प्रति हेमचन्द्र के पूर्व के प्राचार्यो का हष्टिकोण प्राचार्य हेमचन्द्र का मत प्राधुनिक भाषा वैज्ञानिको का मत देशी शब्दो का उद्भव और विकास भाषा वैज्ञानिक कारण ___ देशी शब्दो का विभिन्न प्रान्तीय बोलियो - से उद्भव देशी शब्दो का आर्येतर भाषामो से उद्भव देशी शब्दो के उदभव और विकास का सास्कृतिक आधार 146 149 151 158 158 158 162 166
SR No.010722
Book TitleDeshi Nammala ka Bhasha Vaignanik Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShivmurti Sharma
PublisherDevnagar Prakashan
Publication Year
Total Pages323
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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