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________________ [ २० ] ४-सीता चउपई -यह ३२७ पद्यों की छोटी रचना है। इसमें सीता के चरित्र की प्रधानता है, खरतर गच्छ के जिनप्रभसूरि शाखा के आचार्य जिनभद्रसूरि के समय में सागरतिलक के शिष्य समयध्वज ने इसकी रचना संवत् १६११ मे की। श्रीमाल मरदुला और गूजरवंशीय गढ़मल के पुत्र भीषण और दरगहमल्ल के लिए इसकी रचना हुई। इसकी संवत् १७०२ मे लिखित १६ पत्र की प्रति हंसविजय लाइब्रेरी, बड़ौदा में है। ५-सीता प्रवन्ध-यह ३४६ पद्यों में है। संवत् १६२८ रणथंभोर में शाह चोखा के कहने से यह रचा गया। 'जैन गूर्जर कविओ' भाग ३ पृष्ठ ७३३ में इसका विवरण मिलता है। प्रति नाहरजी के संग्रह (कलकत्ते ) मे है। ६-सीता चरित्र-यह सात सर्गों का काव्य पूर्णिमा गच्छीय हेमरत्नसूरि रचित है। महावीर जैन विद्यालय, तथा अनंतनाथ भंडार बम्बई एवं बड़ौदा में इसकी प्रतियां हैं। पद्मचरित्र के आधार से इसकी रचना हुई । रचनाकाल का उल्लेख नहीं किया पर हेमरत्न सूरि के अन्य ग्रंथ सं० १६३६-४५ में मारवाड़ मे रचित मिलते है अतः यह भी इसके आस पास की ही रचना है। ७-राम सीता रास-तपागच्छीय कुशलवर्द्धन के शिष्य नगर्षि ने इसकी रचना १६४६ में की। हालामाई भंडार, पाटण मे इसकी प्रति है और जैन गुर्जर कविओ भाग १ पृष्ठ २६० मे इसकी केवल एक ही पंक्ति उद्धत होने से ग्रन्थ की पद्य संख्यादि परिमाण का पता नहीं चलता।
SR No.010706
Book TitleSitaram Chaupai
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAgarchand Nahta, Bhanvarlal Nahta
PublisherSadul Rajasthani Research Institute Bikaner
Publication Year1952
Total Pages445
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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