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________________ संख्या कृति नाम २१६ जिनचन्द्रसूरि गीत २१७ २१८ २१६ ܘ ૩ २.३४ 17 " 11 32 $1 २२१ २२२ २२३ २२४ २२५ २२६ 25 २९७ जिनमुखमूरि पदोत्सव २२८ कवित्त २२६ छप्पय २३० अमृतध्वनि २३१ २३० 27 2 , "" 52 "" 17 37 21 1) " "I 17 .. 11 रसाउला सवैया " गहुँली गीत ر 21 दोहा " चन्द्रावला सवैया द्रुपद भास गली [ १२ ) गाथा ४ ४ ४ २ ४ २ ह ७ ७ आदि पद पुण्य परकाश परभात दै दै कार करण भ्रम दाख ४ १ चद्र जिमसूरिजिनचन्द्र चढती चावौ गच्छ चौरासिये ४ साधु आचार- सुविचार स० ४ थियाकेई दिवस मनकोडकर ० १ वाकू दूजे पछि दूज छाजति छबि चन्दा. ७) घन घन दिन आज नो लेखे राजे खरतर राजवी वारू सरब विवेक उदय थयो धन धन आज नो सकल गुण जाण वखाण मुखस० २४५ सकल शास्त्र सिद्धान्त भेद २४६ खरतर गच्छ जाणं खलक २४६ २४७ २४८ ३ २४८ २४८ ३. गावो गावो री गच्छनायक भलो दिन ऊगी आज आनदसो २४६ ७ सिणगार सार वनाइ सुन्दर २५० ५ सहु घरमा सिर सेहरो रे १ गुरु जिणचदसूरि आप हाथ जिनसुखसूरि सुग्यानी पृष्ठाक २३५ २३६ २३७ २३८. २३६ २४० २४१ २४२ २४३ २४३ २४४ २४५
SR No.010705
Book TitleDharmvarddhan Granthavali
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAgarchand Nahta
PublisherSadul Rajasthani Research Institute Bikaner
Publication Year1950
Total Pages478
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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