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________________ [ ११ ] संख्या कृति नाम गाथा ओदि पद । पृष्ठाक १६६ बीकानेर चैत्य परिपाटी ११ चैत्य पूवाडे चौबीसटै २१८ १६७ तीर्थ कर सवैया ७ नमो नितमेव सजी शुभ सेव , २१६ १९८ चौबीस जिन गणघर ५ वन्दो जिन चौबीस २२१ १६६ सनतकुमार सझाय १६ साचा सुग्यानीध्यानीसनतकु० २२२ २०० मेतार्य मुनि स०१ राजग्रही मे गोचरी २२४ २०२ दश श्रावक ७ सूधै मन पूणमो दश श्रावक २२५ गुरुदेव स्तवनादि संग्रह २०२ श्री गौतम स्वामी स्त० ७ प्रह सम आलस तजि परौ २२६ २०३ जंवू स्वामी स्तवन ५ छोडोना जी २कञ्चन नै कामिनी २२७ २०४ वडली जिनदत्तसूरि स्त० ७ यात्रा ए वडली जास्या २२८ २०५ जिनदत्तसूरि सवैया १ बावन वीर किये अपने वश २२६ २०६ जिनकुशलसूरि देरा० स्त० १० दादो देरावर दीप २२६ २०७ जिनकुशलसूरि स्त० ७ कुशल करण जिनकुगल जी २३० , , ३ कुशल गुरु नामे नवनिधि पामै २३१ २०६ ३ दौलति दाता द्यो सुख साता २३१ २१० , ४ प्रेम मगधारि नितपहुर परभातरे २३२ सवैया १ राजे थुम ठौर २ २३३ २१२ , छप्पय १ सरव शोभ गुण सकल २३३ -२१३ । स्त० ३ श्री जिनकुशलसूरि गावो ग0 २३३ २१४ , , . ३ कुशल करो जिनकुशल जी २३४ २१५ जिनचन्द्रसूरि गीत ५ आज खर उदै मुदै २३४ २०८ m २११ M M
SR No.010705
Book TitleDharmvarddhan Granthavali
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAgarchand Nahta
PublisherSadul Rajasthani Research Institute Bikaner
Publication Year1950
Total Pages478
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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