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________________ * चौबीस तीर्थङ्कर पुराण * पहले दृष्टि युद्ध फिर जल युद्ध और बाद में मल्लयुद्ध ही कीजियेगा । इन तीन युद्धों में जो हार जावेगा वही पराजित कहलावेगा " मन्त्रियोंकी सलाह दोनों भाईयोंको पसन्द आ गई इसलिये उन्होंने अपनी अपनी सेनाको युद्ध करनेसे रोक दिया । निश्चयानुसार सबसे पहिले दृष्टि युद्ध करनेके लिये दोनों भाई युद्धभूमिमें उतरे । दृष्टि युद्धका तरीका यह था कि 'दोनों विजिगीषु एक दूसरे की आंखोंकी ओर देखें देखते देखते जिसके पलक पहले झप जावें वही परा जित कहलावे | यहां इतना ख्याल रखिये कि भरतका शरीर पांच सौ धनुष ऊंचा था और बाहुबलीका पांच सौ पच्चीस । इसलिये दृष्टि युद्धके समय भरत को ऊपर की ओर देखना पड़ता था और बाहुबलीको नीचे की ओर । वायु भरने से भरतके पलक पहले झप गये - विजय लक्ष्मी बाहुबलीको प्राप्त हुई । इसके अनन्तर जलयुद्ध के लिये दोनों भाई तालाब में प्रविष्ट हुए जल युद्धका तरीका यह था कि "दोनों एक दूसरे पर पानी फेंकें जो पहिले रुक जावेगा वही पराजित कहलावेगा" | बाहुबली ऊंचे थे इसलिये वे जो जलधारा छोड़ते थे वह भरत के सारे शरीर पर पड़ती थी और भरत जो जलधारा छोड़ते थे वह बाहुबलीको छू भी न सकती थी । निदान, इसमें भी बाहुबली ही विजयी हुए । अन्तमें मल्लयुद्ध के लिए दोनों वीर युद्ध-स्थल में उतरे । मल्लयुद्ध देखने के लिए आए हुए देव और विद्याधरों के विमानों से आकाश भर गया था । और पृथ्वी तलपर असंख्य मनुष्य राशि दिख रही थी । देखते देखते बाहुबलीने भरतको उठाकर चक्रकी भांति आकाशमें घुमा दिया जिमसे बाहुबलीका जय नाद समस्त आकाशमें गूंज उठा। चक्रवर्त्ती भरतको अपना अपमान सह्य नहीं हुआ इसलिये उन्होंने क्रोधमें आकर भाई बाहुबलीके ऊपर सुदर्शन चक्र चला दिया जो कि दिग्विजयके समय किसीके ऊपर नहीं चलाया गया था । पुण्यके प्रतापसे चक्ररत्न, बाहुबलीकुमारका कुछ भी न बिगाड़ सका, वह उनकी तीन प्रदक्षिणाएं देकर भरतके पास वापिस लौट आया । जब भरतने चक्र चलाया था तब सब ओरसे धिक् धिक्की आवाज आरही थी । बड़े भाई भरतका यह तुच्छ व्यवहार देखकर कुमार बाहुबलीका मन संसारसे एकदम उदास हो गया उन्होंने सोचा कि 'मनुष्य राज्य आदिकी लिप्सा से क्या क्या ११ ८१
SR No.010703
Book TitleChobisi Puran
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPannalal Jain
PublisherDulichand Parivar
Publication Year1995
Total Pages435
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size27 MB
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