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________________ ( 354 ) 187 18 10 167 168 200 203 213 213 हैरेविलट्स नहीं है बिन कथानानुसार खोर घूमत मप धानतराय इसी रागे हैरेक्लिटस नहीं होता है बिच कथनानुसार खोइ घूमत मन द्यानतराय ऐसी 214 215 218 इस 241 252 253 253 253 27 अनुभूयते 268 268 271 '276 286 288 28e 15 बेड जैनागर्मों जैनागमों अविशुद्ध जु अविशुद्ध सविशुद्ध जु मुद्दहे सद्दहे द्विभाव दशा की अशुद्ध विभाव दशा की दष्टि से अशु यशोऽस्मि यज्ञोऽस्मि अपजाजाप अजपाजाप अनुभूयेत अंती अनंती विरहजन विरहजन्य हमेली समेली लेकर लाकर तलकि-तलाक तलफि-तलफि की उडेलते को उँढेलते झलीती झिलती जाणज्य जाणजो नाव नाद रमन रमण जाता है और है और 266 18 302 307 311 321 327 328 0 23 1
SR No.010674
Book TitleAnandghan ka Rahasyavaad
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages359
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size28 MB
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