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________________ १०] मुंहता नैणसीरी ख्यात १६ केसोदास वाघावत, जोधपुर चाकर, गांव भेटनड़ो पटै । . संमत १६६६ सावण सुदि ३ काळ कियो'। .. २० देवीदास । महेवै रैहतो। महेवचारो २१ करन। २२ सूरजमल । भाणेज। रतनांदे वेटी। २० दुरगदास । उजीण १७ सूरजमल लूणकरणोत, कांम प्रायो। मोटा राजारो सुसरो। २१ हरनाथ । सजन भटियांणीरो १६ दळपत। वाप। २० रतन । २० दयाळदास १८ जीवो। तुरक हुवो। १६ माधोदास, राव विक्रमा१६ रुघनाथ, वीरांणी पटै दीत मालदेयोत थोभ, संमत १६९१ रै वरस खरड़ी पटै दो हुती। हुती। संमत १६९५ १६ वांको। राव महेसदास सूरज- १७ महेसदास. मलोतरै वास वसियो । लूणकरणोत10 १८ सादूळ दुजणसलरो । १८ नाथो। १६ मनोहर । १६ सुंदरदास। १६ सांमदास । १६ नरहर ।। १८ सिंघ। १६ पीथो। १६ सुंदरदास, मोहबतखांनरै १७ हरदास लूणकरणोत।। कांम आयो। १८ बळभद्र। १८ किसनदास दुजणसलरो, I वाघाका वेटा केशोदास, जोधपुरका चाकर, जहां भेटनड़ो गांव उसके पट्टमें। सम्वत् १६६६की सावन शु. ३ को मरा। 2 दुर्गदास उज्जनमें काम आया। 3 दयालदास मुसलमान हो गया। 4 रघुनाथ, जिसको सम्वत् १६६१के वर्षमें वीराणो गांव पट्ट में था। सम्वत् १६६५में राव महेशदास सूरजमलोतके यहां जा रहा। 5 साल दुर्जनसालका वेटा । .. 6 सुन्दरदास मोहवतखांके साथ लड़ाईमें काम आया। 7 दुर्जनसालका बेटा किशनदास, मेहवेमें रहता था। मेहवचोंका भानजा था। रतनादे उसकी लड़की थी। 8 लूणकरणका बेटा सूरजमल, यह मोटे-राजाका ससुर और सजन भटियानीका बाप था। 9 माधोदासको राव विक्रमादित्य मालदेवोतने थोभ और खरड़ी गांव पट्टे में दिये थे। 10 लूणकरणका वेटा महेशदास । II लूणकरणका बेटा हरदास ।
SR No.010610
Book TitleMunhata Nainsiri Khyat Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1962
Total Pages369
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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