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________________ - मुंहता नैणसीरी ख्यात [ ६५ सादूळा तै जसहड़ संभ्रम, भिड़ भद्रजाती' असुर' भगा । दीसैं रायहरै दुजणसल, मोती महिळां' मवड़ लगा ॥३ गीत भाटी तिलोकसी जसहड़ोतरो तांतलीया तुरंग म खड़' खग लीना , जुड़वा रथ जोगणपुर' जाय । असपत' राव तणा11 दळ' आया, तिलोकसी नह विसरै ताय ।।१ भणै तील्ह रिणभोम भयावण, डरियां मम डरायो। नर नीसरै14 जकै सनियाई, अनियाई" हूं18 आयो ॥२ . अविहड़'' मन जसहड़ अंगोभ्रम, वडफर1 वजै न विहंडे वंस । तील्हा तणो कोट बकारण", हांगूं करतो उडियो हंस ॥३ . रावळ दूदैरा बेटा. : १ वीसळदे दूदावतरो कडूंबो जेसळमेररै देस भैंस. बालो राव चूंडारो मामो, नागोर चूंडा साथै काम आयो । .: १. रांणो दूदावत । .. ... I हाथी । 2 मुसलमान । 3 दिखाई देता है। 4 रायसिंहका वंशज । 5 महिलाओंके । 6 मस्तकाभूषण । 7 चला करके । 8 खङ्ग, तलवार । 9 दिल्ली। 10 राजा। II का। . 12 सेना। 13 कहता है। 14 निकल जाते हैं। 15 वे। 16 न्यायी (निर्मुक्त) - 17 अन्यायी (बन्धनसे नहीं डरने वाला, निर्भय) । 18 मैं । 19 अखंड, निर्भय। 20 पुत्र, .:. पौत्र, वंशज । 21 ढाल । 22 नाश करता है । 23 का। 24 ललकारनेको। 25 उत्साह पूर्वक प्राण-विसर्जन कर दिया, युद्ध करते-करते प्राण छोड़ दिया। 26 दूदाका पुत्र वीसलदेव और जैसलमेर राज्यके भैंसड़े गाँव वाले उसके कुटुम्वियोंमेंसे बाला. जो राव चूंडाका मामा लगता है, उसके साथ नागोरकी लड़ाईमें राव चूंडाके साथ वह भी मारा गया ।
SR No.010610
Book TitleMunhata Nainsiri Khyat Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1962
Total Pages369
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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