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________________ · · मुंहता नैणसीरी ख्यात [ २७ नांव माहरो हुसी नै तळाव काम थांहरी रैतरै थाहरा रजपूतारै आवसी' । तरै एक वार तो पँवार नटिया, पछै देवराजरा परधान मास खंड उठे रहिनै पाखा देवळी सारी भरमारी । आपरै हाथ पईसारै पांण सोह वस करने जैसळमेरसूं कोस.... 'काळो डूंगर खाडाळरै मध्य भाग छ, तठै तळाव ३रो दुवो कढ़ायो,' नै परधान देवराज कनै अायो। सु देवराज गाढो राजी हुवो । तळाव ३ मंडाया १ तणुंसर । १ विजैरावसर। १ देवरावसर । झै तीन तळाव मंडाया । तिणां करणनूं पैहला तो आपरो कामदार मुसालो मेलियो । पछै तळावर बांहनै उठे वस्ती कीवी । उठै सादीसी आपरै रहणनूं हवेली वणाई । पछै आप पिण आया करै । जिको पंवारांरो आदमी पावै तिण आगै पंवारांरी घणी वडाई करै। झै वडा ठाकुर छै । तळावां मांहै मांहरो' कासू10 छै । जिणांरी11 धरती छै तिणांरो धरम छै । जिको आवै तिणनूं पईसा दे राजी करै । मुसालानूं सासता आदमी लुद्रवै आवै । तिणां साथै परधांनां, कांमदारां, खवास, पासवांनां, छड़ीदारां सारांनूं भली-भली वस्त मेलै । सारी साहिबी हाथ कीवी । कोई यूं रोकणहार नहीं रह्यो, जु-"ओ देवराज मास-मास दोय-दोय मास अठै रहै छै सु भलो नहीं।" यं करतां तळाव तो पूरा हंणरी तयारी हुई, तटै पंवारां ठाकुरांसूं कहाव कियो 3-"मोनूं रावळी बेटी दो, मोनूं राजपूत करो।" ___ I नाम तो मेरा होगा ही किन्तु ये तालाव तुम्हारी प्रजा और राजपूतोंके लिये काम आयेंगे। 2 पीछे देवराजके प्रधान मनुष्योंने मास-दिन वहां रह करके सभी कर्मचारियोंको - बहुत धन देकर अपने वशमें कर लिया। 3 वहां तीन तालाव करवा देनेकी आज्ञा प्राप्त की। बहुत धन .4 ये तीन तालाब करवाने शुरू किये। 5 उनको बनकानेके लिये पहले तो अपने कामदारको और पत्थर-चूना आदि मसाला भेजा। 6 पीछे तालावोंके मिस वहां पर कुछ वस्ती भी ... बसाई। 7 और एक सादी हवेली भी अपने रहने के लिये वहां बनवा ली। 8 प्रशंसा । 9 हमारा । TO क्या । II जिनकी। 12 उनका। 13 कहलवाया। 14 मुझको अपनी . कन्या दें और मुझको राजपूत बनायें (मुझे भी योग्य राजपूतोंमें समझ कर अपनी कन्याका . विवाह मेरे साथ करें)।
SR No.010610
Book TitleMunhata Nainsiri Khyat Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1962
Total Pages369
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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