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________________ उ. प्र. ५६२ म. स्वामी ने २१वां चातुर्मास कहां किया था ? राजगृही नगर में । उ. प्र. ५६३ म. स्वामी चातुर्मास के बाद कहां पधारे थे ? पृष्ठचंपा में । उ. 1 प्र. ५६४ म. स्वामी की देशना से वैराग्य आने पर किसने दीक्षा ग्रहण की थी ? पृष्ठचंपा के महाराजा शाल और उनके लघुभ्राता युवराज महाशाल, ने दीक्षा ग्रहण की थी । उ. ( ३१० ) भांड़ - प्रभांड़, पत्नी-पत्नी, श्राजीवक, श्रावक के नियम और श्रावक के ४६ भंगो के विषय में समाधान पाया था । प्र. ५६५ म. स्वामी पृष्ठचंपा से कहां पधारे थे ? दशार्णपुर नगर में । उ. प्र. ५६६ म. स्वामी के पास भव्य सवारी के साथ वंदन करने कौन जा रहा था ? दशार्णभद्र राजा गर्व ( अहंकार ) के साथ प्रभु को वंदन करने जा रहा था । प्र. ५६७ दशार्णभद्र राजा का गर्व ( अहंकार ) किसने भंग कर दिया था ? इंद्र महाराजने । दशार्णभद्र राजा के गर्व ( श्रहंकार ) 3. વ
SR No.010409
Book TitleMahavira Jivan Bodhini
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGirishchandra Maharaj, Jigneshmuni
PublisherCalcutta Punjab Jain Sabha
Publication Year1985
Total Pages381
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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