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________________ ( ३०६ ) प्र. ५५५ शिवराजर्षी ने संशय निराकरण के बाद क्या किया था ? उ. शिवराजर्षि के अंतरग में संशय निराकरण के साथ सत्य का सहस्ररश्मि उदित हो गया, वे श्रद्धा व संकल्प के साथ खड़े हुए और उन्होंने निग्रन्थ धर्म की दीक्षा स्वीकार कर ली । उनके - साथ पोट्टल यादि अनेक व्यक्ति श्रमरण बने थे । प्र. ५५६ म. स्वामी ने २८ वां चातुर्मास कहां किया था ? वाणिज्यग्राम में । उ. प्र. ५५७ म. स्वामी चातुर्मास के बाद किस चोर पधारे थे ? मगध देश की ओर । उ. प्र. ५५८ म. स्वामी मगध देश के किस नगर में गये थे ? राजगृही नगर में | उ. प्र. ५५६ म. स्वामी राजगृह में कहां विराजे थे ? गुरणशील चैत्य में । 3. प्र. ५६० म. स्वामी से किसने अपने प्रश्नों का समाधान किया था ? उ. इन्द्रभूति गौतम गणधर ने । प्र. ५६१ म. स्वामी से गौतम ने किस विषय का समाधान किया था ?
SR No.010409
Book TitleMahavira Jivan Bodhini
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGirishchandra Maharaj, Jigneshmuni
PublisherCalcutta Punjab Jain Sabha
Publication Year1985
Total Pages381
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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