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________________ २८२ जैनतत्त्वमीमांसा यहाँ जन्म और मरण ये उपलक्षण वचन है। इससे सभी कार्योंका नियत देश और नियत कालमें नियत विधिसे होना निश्चित होता है जो नियत द्रव्य, क्षेत्र, काल और भावके साथ प्रत्येक द्रव्यके अपने निश्चय उपादानके अनुसार नियत कार्य होनेका समर्थन करता है। यहाँ यह कहा जा सकता है कि जिनदेवने जिस कार्यको जिस देश और जिस कालमें जिस विधिसे जाना है कार्य तो उस देश और उस कालमें उसी विधिसे होगा इसमें सन्देह नहीं। परन्तु श्रुतज्ञानकी अपेक्षा विचार करते हैं तो किस द्रव्य, क्षेत्र, काल और भावके योगमे कौन कार्य हो यह नियम नही किया जा सकता है। इसलिये श्रुतज्ञानकी अपेक्षा कोई कार्य अपने नियत समय पर ही होता है और कोई कार्य नियत समयको छोडकर आगे-पीछे भी होता है । निश्चय उपादान तो अनेक योग्यताओंवाला होता है, इसलिये बाह्य सामग्री जब जैसी मिलती है उसीके अनुसार कार्य होता है। किन्तु उक्त कथनको देखते हए ऐसा लगता है कि कार्तिकेय स्वामीके सामने भी ऐसा अनर्गल कथन करनेवाले व्यक्ति रहे है। इसीलिए ही ऐसे कथनको लक्ष्य कर स्वामीजीके मुखसे यह गाथा निकली है एव जो णिच्छयदो जाणदि दवाणि सव्वपज्जाए । सो सद्दिट्ठी सुद्धो जो मकदि सो हु कुद्दिट्ठी ।। ३२३॥ इस प्रकार जो निश्चयसे सब द्रव्यो और उनकी सब पर्यायोको जानता है वह शुद्ध सम्यग्दृष्टि है और जो शंका करता है वह कुदृष्टि ( मिथ्यादृष्टि ) है ॥३२३।। यह कितनी मार्मिक दो टूक बात कही गई है। केवलज्ञान और श्रुतज्ञानमे इतना ही अन्तर है कि केवलज्ञान सब द्रव्योंको और उनकी समस्त पर्यायोंको प्रत्यक्ष जानता है और श्रुतज्ञान उनको परोक्ष जानता है ( आप्तमीमांसा १०५ का)। यह श्रुतज्ञानकी मात्र प्रशसा नहीं है, किन्तु वस्तुस्थिति है। जो केवलज्ञानका अनुसरण करनेवाला न हो वह श्रुतज्ञान ही नहीं, मिथ्या श्रुतज्ञान है। इसलिये श्रुतज्ञान उसी प्रकारसे जानता और मानता है जैसा केवलज्ञानमें झलकता है, प्रकृतमें ऐसा निश्चय करना ही सम्यग्दृष्टिका बाह्य लक्षण है। यदि हम अपने अन्य शास्त्रोंको देखते हैं तो उनसे भी इसी तथ्य पर पहंचते हैं कि सभी पर्याये सम्यक नियतिके पेटमें समाई हई हैं। पद्मपुराणसे भी इसी तथ्यका
SR No.010314
Book TitleJain Tattva Mimansa
Original Sutra AuthorN/A
AuthorFulchandra Jain Shastri
PublisherAshok Prakashan Mandir
Publication Year
Total Pages456
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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