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________________ रामायण Normamaann raamrrrrrrrrrrrrrrrm NAM भाइयो में कैसा प्रेम और, मित्रो मे कैसी मित्रता थी। पुत्रों में कैसा विनय और, चरित्र में क्या विचित्रता थी॥ चौबीस काम देवावतार १ बाहुबलि १३ कुन्थुनाथ २ अमिततेज १४ विजयराज ३ श्रीधर १५ श्रीचन्द्र ४ दशभद्र १६ राजा नल ५ प्रसेनजीत १७ हनुमानजी ६ चन्द्र वर्ण १८ बल राजा ७ अग्नि मुक्ति १६ वसुदेव ८ सनत् कुमार (चक्री) २० प्रद्युम्न ६ वत्सराज २१ नाग कुमार १० कनक प्रभ २२ श्री पालनृप ११ सेधवर्ण २३ जम्बू स्वामी १२ शान्तिनाथ (१६ जिन) २४ सुदर्शन ___ चर्तुदश कुलकर (मनु) १ प्रतिश्रुति ८ चक्षुप्मान २ सम्मति है यशस्वी ३ क्षेमंकर १० अभिचन्द्र ४ क्षेमन्धर १ गंद्राभ ५ सीमंकर १२ मरुदेव ६ सीमन्धर १३ प्रसेनजीत ७ विसलवाहन १४ नाभिराजा द्वादश प्रसिद्ध पुरुष हुए १ नाभिराजा ७ रावण २ श्रेयांस ८ कृष्णजी
SR No.010290
Book TitleJain Ramayana Purvarddha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShuklchand Maharaj
PublisherBhimsen Shah
Publication Year
Total Pages449
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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