SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 392
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ३६८ ज्ञान और कर्म। [द्वितीय भाग समाजमें उतना नहीं है। हिन्दुओंमें एक जातिके सभी मनुष्य सामाजिक मामलों में समान हैं, उनमें धनी और निर्धनका अन्तर नहीं देखा जाता। और इसी कारण, धनकी मर्यादा उतनी अधिक न होनेसे, हिन्दूसमाजमें धनकी लालसा कुछ शान्त है। किन्तु दुःखका विषय यह है कि उस भावका अब और अधिक दिन तक टिकना संभव नहीं है। हिन्दुओंका जातिभेद अनिष्टकर कारण होने पर भी, उसे एकदम उठा देना भी, असंभव है। हिन्दूको रोटी-बेटीके सम्बन्धमें जातिभेद अवश्य ही मानना पड़ेगा। इसका कारण इसी भागके चौथे अध्यायमें कहा जा चुका है। यहाँ पर उसे दुहराना निष्प्रयोजन है । हाँ, रोटी और बेटी इन दोनों विषयोंको छोड़ कर और सब मामलोंमें भिन्न भिन्न जातियोंको आपसमें सद्भाव अवश्य स्थापित करना चाहिए। एक जातिको अन्य जातिसे घृणा या अनादरका व्यवहार भूल कर भी न करना चाहिए। ६ कायस्थोंको यज्ञोपवीत संस्कारका अधिकार । एक तरफ जैसे कुछ समाजसंस्कारक और धर्मसंस्कारक लोग जातिभेदको एकदम उठा देनेकी चेष्टा कर रहे हैं, वैसे ही दूसरी तरफ और कुछ उन्हीं श्रोणियोंके संस्कारक कायस्थोंको अन्य शूद्र जातियोंसे अलग करनेकी, और उन्हें क्षत्रियोचित यज्ञोपवीत संस्कारका अधिकारी बनानेकी, अर्थात् उनको जनेऊ पहनानेकी, चेष्टामें लगे हुए देख पड़ते हैं। ___ कायस्थ जातिके क्षत्रियवंशसंभूत होनेका कुछ पौराणिक (१) प्रमाण है, और उनकी आकृति-प्रकृति तथा ब्राह्मणोंके साथ घनिष्ठ सम्बन्धसे इस बातका अनुमान किया जा सकता है कि वे अनार्य शूद्र नहीं हैं। किन्तु बहुत दिनोंसे शूद्रोंके ऐसे आचरण करनेके कारण अदालतके विचारमें (२) वे शूद्र ही निश्चित हो चुके हैं। इस समय कायस्थ लोग जनेऊ पहन कर, अपनेको क्षत्रिय कहकर, अगर क्षत्रियोंके लड़की लड़कोंके साथ अपने लड़केलड़कियोंका ब्याह करें तो वह विवाह अदालतके विचारमें जायज होगा, या (१) पद्मपुराण देखो। (२) Indian Law Reports, Vol. X, Calcutta. Series, P. 688 देखो।
SR No.010191
Book TitleGyan aur Karm
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRupnarayan Pandey
PublisherHindi Granthratna Karyalaya
Publication Year1921
Total Pages403
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size65 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy