SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 73
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ -४६ ] शिरगांव-अग्णिगेरिके केल ४५ शिरगांव ( धारवाड, मंसूर ) शक ६३० = सन् ७०८ संस्कृत-नागरी [ यह ताम्रपत्र चालुक्य राजा विजयादित्यके ११ वें राज्यवर्ष शक ६३० मे आषाढ़ पौर्णिमा के दिन दिया गया था । किसुबोललके राजस्कन्धावारसे राजाने पुरिगेरे नगरमे कुंकुमादेवी - द्वारा निर्मित जिनमन्दिरके लिए गुडिगेरे ग्राम दान दिया ऐसा इसमें उल्लेख है । ] [रि० इ० ए० १९४५-४६ ए० क्र० ४९ ] ४६ अणिगेर स्तम्भलेख ( जि० धारवाड, मैसूर ) राज्यवर्ष ६ = १ स्वस्ति कीर्तिवर्म (सत्या ) श्रय ३ धिराज परमेश्वर भटारर ५ ले आरनेया वर्ष प्रव ७ बुलगेरिगे कलि ९ वेदिय मान्माडिसिदोद् ११ शुलरकुप कीर्तिवर्म१३ कीर्तन | दीशापालस्य लि [ यह लेख बदामी चालुक्य राजा कीर्तिवर्मा द्वितीयके राज्यके छठे वर्षका अर्थात् सन् ७५१-५२ का है। इसमें जेबुलगेरिके ग्रामाधिकारी कलिमय्य-द्वारा एक चेदिय अर्थात् "जिनमन्दिर बनवाये जानेका निर्देश है । ] [ ए० ई० २१ पृ० २०४ ] 7 सन् ७५१-५२, कमड २५ २ श्री पृथु ( वीवल्लम) महाराजा ४ राज्यं ओन्दुत्तरमभिवृद्धि स ६ मानमागे जे८ यम्म गामुण्डुगेय्दी १० इदर मुन्दे कोण्डि१२ गोसासिय निरिसिदा १४ खितं । प्रभुनामन् ।
SR No.010113
Book TitleJain Shila Lekh Sangraha 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVidyadhar Johrapurkar
PublisherManikchand Digambar Jain Granthamala Samiti
Publication Year
Total Pages568
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy