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________________ चन्द्रगिरि पर समापिमरल किया था। विसं २] गुजरात के कुन्दकुन्दान्वयी मंडलाचार्य बीकीति के बिन, पारकीर्ति के गुरु और बाकीति के प्रपुर, स. ११. ०० । विसं iv २०७] अनितम्ब-तिलोयपणति आदि के अनुसार चतुर्मुसकल्कि का पुत्र एवं उत्तराधिकारी, जिसने वीराब्द ५९० (सन् १७१-२६०) में दो वर्ष धर्म-राज्य किया था। [हरि.पु ६०/४९;साइक, १७, २१:प्रमुख २००; गणितास-वाराणसी निवासी प्रसिद्ध विमान कवि पन्दावनवास के सुपुत्र, जैमरामावण बपरनाम पद्मपुराण बन्दोबस के रचयिता,ब. १८५००। अजितदास माँसा-जयपुर नरेश मिर्जा राजा जयसिंह के मुख्यमन्त्री एवं बामेर दुर्ग के प्रशासक दिय. जैन मोहनदास मांसा (भावसा) के कनिष्ट पुत्र, संपी कल्याणक्षत के अनुब, जयपुर के संबीपी.के विममंदिर के निर्माता। [मुख. २९३, ३१४] अधितष- १.वे. बाचार्य, 'योपविता' के पविता, ल. १२५० ई.। २. श्वे. माचार्य, पिंडविधुतियोपिका के कर्ता, ल. १६५.१० ३. स्वे. बाचार्य, अल्पसूति के रचयिता च.१०] मनितंबर- पौराषिक बनपति के ११ में से आठवेंश। अविना- चौबीस तीर्थकरों मे से द्वितीय, जन्मस्थान अयोध्या, वंश इक्ष्वाकु, पिता महाराज जितक्षत्र, माता महारानी विजयसेना, निर्वाणस्थान सम्मेद शिवर। अजितपालनाच- ल.११४५६.शि.ले.में उल्लिखित मिससंबी बाचार्य श्रीविजय मुनि के शिष्य या प्रक्षिष्य, संभवतया बजितसेन बादीमसिंह। [वैशिसं ifi ३१९] अबितामरि-वे., १२५.१० में 'शान्तिनाथपरिव' की रचना की दी। अपिताना रामबहादुर- सहारनपुर के ला. बम्यूबसाद के कुटुम्बी, मोहरविह सांची के मतीजे और ला. धमसिंह पुत्र, पार्मिक एवं प्रभावशाली सज्जन । [प्रमुख ३६४] ऐतिहासिक व्यक्तिकोष
SR No.010105
Book TitleJain Jyoti
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJyoti Prasad Jain
PublisherGyandip Prakashan
Publication Year1988
Total Pages205
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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