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________________ निमित्त से उत्पन्न प्रभाव की अभिव्यक्ति दो तरह से होती है, जिसे क्रम से 'प्रतिभाव' व 'प्रतिक्रिया' कहा गया है । (१३) निमित्त से उत्पन्न संवेदन को प्रभाव कहा जाता है। विद्वान् इसी को अनुभव या अनुभूति कहते हैं । (१४) और उससे उत्पन्न मनः परिणाम को प्रतिभाव कहा जाता है। उसके कारण उत्पन्न वाणी और शारीरिक प्रकृति को प्रतिक्रिया कहते हैं । (१५) प्रतिक्रिया शब्द का अर्थ यहाँ विरोध नहीं है। किसी निमित्त से उत्पन्न हुआ संवेदन प्रभाव है और उसके द्वारा निर्मित व्यवहार प्रतिक्रिया है यह वाच्यार्थ विवक्षित है । (१६) प्रतिभाव और प्रतिक्रिया दोनों में निमित्त का अनुसरण देखा जाता है, किन्तु प्रतिभाव (मानसिक होने से) दिखाई नहीं देते, प्रतिक्रिया (वाचिक व शारीरिक होने से) दिखाई देती है । (१७) एकेन्द्रिय होने से स्थावरों की प्रतिक्रिया नहीं होती, तथापि वहाँ पर प्रतिभाव होते ही हैं । (१८) दूसरा प्रस्ताव ३१
SR No.009509
Book TitleSamvegrati
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPrashamrativijay, Kamleshkumar Jain
PublisherKashi Hindu Vishwavidyalaya
Publication Year2009
Total Pages155
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Spiritual
File Size1 MB
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