Book Title: Yukti Prabodh
Author(s): Rushabhdev Keshrimal Jain Shwetambar Sanstha Ratlam
Publisher: Rushabhdev Keshrimal Jain Shwetambar Sanstha Ratlam

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Page 10
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir युक्तिप्रबोधे ॥८ ॥ साक्षिग्रंथानामनुक्रमस्त्वे वं १५६ आदिपुराणं १५६ दर्शनप्राभृतं १५६ बोधप्राभृतं १५८ आदिपुराणं १५९ गोमट्टसारवृत्तिः १५९ भावनासंग्रहः १६० आवश्यकवृत्तिः |१६० आदिपुराणं १६० द्रव्यसंग्रहवृत्तिः | १६० पत्ताबंधहरिवंशः |१६१ ओपनियुक्तिः |१६१ भावनासंग्रहः १६१ हरिवंशः Ik|१६२ स्वयंभूस्तवः SAHASRABARSA १६३ भावप्राभृतं १६४ उपदेशमाला १६४ द्रव्यसंग्रहवृत्तिः १६४ समयभूषणं १६४ पंचवस्तुकवृत्तिः १६५ भावनाभृतवृत्तिः १६५ संबोधसप्ततिः १६५ द्रव्यकिरणावली १६५ द्रव्यसंग्रहवृत्तिः १६६ समयसारवृत्तिः १६७ श्रावकाचारः १६७ समयसारवृत्तिः १६८ समयसारवृत्तिः १६८ मोक्षप्राभृतं । १६८ दर्शनप्राभृतं १६९ भावप्राभृतं १६९ श्रावकाचारसूत्रवृत्तिः १७० ज्ञाताधर्मकथांग १७३ घत्ताबंधहरिवंशः १७४ महापुराणं १७४ समयसारवृत्तिः १७४ तत्त्वार्थसूत्रं १७५ आदिपुराणं १७७ १७५ धर्मशर्माभ्युदयः १७७ भावप्राभृतवृत्तिः १७८ आदिपुराणं १७८ भगवती |१७८ समवायांग | १७९ ज्ञाताधर्मकथावृत्तिः १७९ आवश्यकनियुक्तिः १८० प्राभृतवृत्तिः १८१ भावप्राभृतं १८१ समयसारः १९१ वाग्भट्टालंकारः १८२ स्थानांग १८२ भावप्राभृतं १८३ आदिपुराणं १८४ हरिवंशः १८४ गोमट्टसारवृत्तिः १८५ गोमट्टसारवृत्तिः १८५ महाकर्मप्रकृतिः For Private and Personal Use Only

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