Book Title: Vidyankur
Author(s): Raja Shivprasad
Publisher: Raja Shivprasad

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Page 78
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir विद्यांकुर उतरता देखा उतनी हो उसकी उंचाई मानी जावेगी || इस तरह पहाड़ों की उंचाई नापने में यह बरामेटर बहुत काम आता है । और हवा का हलका भारी होना मालूम पड़ने से आंधी मेह का भी कुछ पहले से पता लग जाता है ॥ तत्व और खेती बारी शागिर्द - ठीक है जनाब लेकिन हम ज़मोदारों को इन चीज़ों से काहे को कभी काम पड़ता है । उस्ताद - यह तुम ने क्योंकर यक़ीन कर लिया ज़मींदारों को तो सब से ज़ियादा हर चीज़ का काम पड़ता है । देखा । एक तत्व हो को ला ॥ हमने तुम को शुरू ही में बता दिया है कि फ़रंगिस्तान वाले तिरसठ तत्व मानते हैं | अब अगर ज़मोंदार इस बात को जानलें कि किस किस अनाज तरकारी वगैर ज़मीन की पैदावार में कितने कितने कौन कौन से तत्व मिले हैं और इसी तरह यह भी मालूम करलें कि किस खाद और ज़मीन में कितने कितने कौन कौन से तत्व रहा करते हैं । जिस खेत में से जो अनाज काट लाने के सबब जैसा तत्व घटा देखेंगे। वैसे ही तत्व को खाद उस खेत में डाल कर फिर उस का ज़ोर बराबर कर लेंगे ॥ या जत्र जिस जमीन को उस में जानता तत्व न होने के सबब कमज़ोर पायेंगे। उसी तत्व की खाद उस में डाल कर उस का जोर बढ़ानेंगे ॥ फ़रगिस्तान वाले इस ढब ख़राब ज़मीन को भी अच्छी और उपजाऊ बना लेते हैं। हिंदुस्तान वाले अच्छा उपजाऊ जमीन को भी बराबर अधाधुन्ध जाते जाते बिगाड़ डालते हैं | मिसाल के लिये मान लो कि एक बाघे खेत में दस मन गेहूं बोर बोस मन गुणा पैदा हुआ। और जलाने पर सात सेर ग For Private and Personal Use Only

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