Book Title: Vasudevhindi Bharatiya Jivan Aur Sanskruti Ki Bruhat Katha
Author(s): Shreeranjan Suridevi
Publisher: Prakrit Jainshastra aur Ahimsa Shodh Samsthan

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Page 634
________________ ६१४ वसुदेवहिण्डी : भारतीय जीवन और संस्कृति की बृहत्कथा कृपाराम : २४३ कृष्णचरित्र : ८४ कृष्णदेव उपाध्याय (डॉ.) : ८३ कृष्णलाल (डॉ॰) : १८३ टि. केकयार्द्ध (जनपद): ४८२ केदारनाथ शर्मा सारस्वत (पं) : २६,४६५ कैलाशचन्द्र देव बृहस्पति (आचार्य) : २८६ कोंकण (विषय : जनपद ) : ४७१, ४८० काशगर : ४५२ काशिकावृत्ति : ४८४ काशी : ४६७, ४७६, ४८२, ५०३ काशी जनपद : ४७१, ४७६ काशी - नागरी प्रचारिणी सभा (वाराणसी) : २२७ टि., २४३ टि. काश्यप : २४३ किंजल्पिद्वीप: ४५७, ४५८ किन्नरगीत (क): २८४, २८५ किरातरूपिणी (विद्या) : १६८ कीथ (डॉ॰) : २४, २४ टि, २६, २६ टि., २७, ३५ टि, ३६ कुक्कुट (सर्प) : ३७६ कुचुमार (आचार्य) : २५९ कुट्टनीमतकाव्य : २७१,२७१ टि. कुणाल (जनपद) : ४८१, ४८२ कुण्डपुर : ८७,३३८ कुन्तक (आचार्य): ५४६, ५५८ कुन्थुनाथ (स्वामी) : ३९६, ४२१, ४७६ कुमार विमल (डॉ.) : १३१,१३२, १४० टि, १५५ टि, २५६, २६०, २६२, २९३, २९४, ५३७ टि, ५४२, ५४४, ५४६, ५४७,५५४,५५५ कुमारसम्भव (महाकाव्य) : २५६ कुम्हरार : ४७५ कुरुक्षेत्र : ४६६ कुरु- जनपद : ४६७, ४७१, ४७६, ४८२ कुरुविन्द (मणि) : ३५९ कुवलयमाला ( कुवलयमालाकहा) : ६, १०, १५, १४६ टि, १५४ टि, ५१४,५२३,५२४ कुशामपुर (राजगृह) : ४२०, ४६४, ४७३, ४८१ कुशार्थ (कुशावर्त्त) : ४७१, ४७९, ४८२ कुसुमपुर : ४७५ कूणिक (कोणिक : अजातशत्रु) : ७४,७६, ४७३, ५०२ कूर्मपुराण : ४६२ कोक्कास (आकाशयान-शिल्पी) : ४१५, ४१६, ४१७ कोटिवर्ष (जनपद) : ४८२ कोलब्रुक : ५०३ कोशल (जनपद): ४७१, ४७६, ४७७, ४८२ कोशल (प्रदेश): ४७७, ५०३ कौटिल्य : १६० टि, १६२ टि १७१, १७२, २१७ टि, २४३,३७१,४२१,४२२, ४२३,४२३ टि, ४२५, ४३९, ४४१, ४४६, ४४७, ४५६, ४७१ कौशाम्बी : १६, १८४, ४७५, ४७८, ४८२ कौशीतकिब्राह्मण: २२१ क्रमदीश्वर : ५०४ क्रोचे : ५४६ 'क्वार्टर्ली जर्नल ऑव द मिथिक रिसर्च सोसायटी' : २३ क्वेन - लुन (पर्वतश्रेणी) : ४६२ क्षीरवर (द्वीप समुद्र) : ४६० क्षीरस्वामी (टीकाकार) : ३५५, ४५५ क्षीरोदसमुद्र : ४६७ क्षुद्रहिमवन्त: ४६३ क्षेमेन्द्र (आचार्य) : १३, १४, १५ टि, १९, २०, २४, २५, २७, २८, ३५, २६०, २७१, २९३,४०७, ४६५,४६५ टि. क्षौद्रवर (द्वीप समुद्र) : ४६० ख खगपथ : ४५१ खण्डकापालिक (रसायनाचार्य) : २१९ खस (देश) : ४५०, ४५२, ४५६, ४७१, ४७९ खारवेल (राजा): ५२०

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