Book Title: Updesh Tarangini Author(s): Ratnamandir Gani, Shravak Bhimsinh Manek Publisher: Shravak Bhimsinh Manek Samiti View full book textPage 8
________________ १४१ तरंग त्रीजो. ७५ जिनपूजा, माहात्म्य. .... .... ७६ अंगपूजानुं स्वरूप. . .... .... ७७ दीपकपूजा पर स्वयंजू पूजारानुं दृष्टांत. .... १४ए 3 उंटणीनुं दृष्टांत..... . .... १५० Hए जिणह कोटवालनी कथा. .... .... १५३ G० जिनपूजापर पेथडशाहनी कथा. .... १५५ ७१ देवपालनी कथा..... .... १५६ २ नील अने नीलडीनी कथा.... .... १५७ ३ नंदक श्रने नषक व्यापारीनी कथा. .... .... १५७ ०४ सुंदर कुमारनी कथा. .... १६१ ८५ पाटहण राजानी कथा. .... ..... १६५ ०६ देवपाल शेग्नुं दृष्टांत. ..... .... १६३ 09 श्रीधरवणिकनी कथा. ... .... १६६ दलीजी डोशीन दृष्टांत. .... नए साजणसिंह शेउनी कथा.. .... .... १७१ ए. परोपकारनुं स्वरूप. तथा धनसार शेउनी कथा.१७२-१७३ ए१ वज्रकर्ण राजानी कथा. .... .... .... १७५ एर आनंद अने कामदेवश्रावकनी तथा श्रीकृष्णनी कथा१०१ ए३ जिनदास श्रावकनी कथा. .... .... .... १४ तरंग चोथो. ए। तीर्थयात्रानो उपदेश. .... . .... .... १०५ एए हेमाचार्य तथा कुमारपाल राजानी कथा. १०६ ए६ धाराकशाह शेउनी कथा. .... ...... १० तरंग पांचमो. ए धर्मोपदेशनुं स्वरूप. ..... १७२ ए धर्मोपदेशनो महिमा .... .... १एन .... १६॥Page Navigation
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