Book Title: Trishashti Shalaka Purush Charit Part 08
Author(s): Surekhashreeji Sadhvi
Publisher: Prakrit Bharti Academy

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Page 5
________________ भगवान वीर के विहार स्थल, उनके उपसर्ग, तपस्या, पारणे तथा ११ गणधरों व १० प्रमुख श्रावकों विशेष आनन्द श्रावक का वर्णन किया गया है। आर्य सुधर्मा से गणधर गौतम तक का मार्मिक चरित्र चित्रण किया गया है। भगवान महावीर के समय विभिन्न वादों व गच्छों को मानने वाले भी थे जिनमें आजीवक सम्प्रदाय के जनक गोशालक का विस्तृत वर्णन किया गया है। भगवान महावीर के शासनकाल में साध्वी चंदना का चरित्र चित्रण उस समय की महिलाओं की स्थिति को स्पष्ट करता है। साथ ही महिलाओं के आदर व सम्मान को दर्शाता है। गणधर गौतम का अष्टापद आरोहण, श्रेणिक राजा का वर्णन तथा अंत में महावीर का निर्वाण तथा गौतम का केवलज्ञान का वर्णन किया गया है। ___इन्हीं मानवीय मूल्यों से सुधी पाठकों में एक नये चिन्तन की वृद्धि होगी। प्रस्तुत पुस्तक के सरल, सटीक व प्रभावी हिन्दी भाषा में अनुवाद का कार्य साध्वी डॉ. सुरेखाश्री जी म.सा. द्वारा सम्पन्न किया गया है। आप द्वारा संयमकालीन जीवन में कई ग्रन्थों का लेखन व सम्पादन कार्य किया गया है। आपने डी.लिट की उपाधि राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर से प्राप्त की है। आप जैसी विदुषी साध्वी द्वारा इस पुस्तक का अनुवाद कार्य सम्पन्न हुआ उसके लिए हम अत्यन्त आभारी हैं। प्रकाशन से जुड़े सभी सहभागियों को धन्यवाद! अमृत लाल जैन अध्यक्ष, श्री जैन श्वे. नाकोड़ा पार्श्वनाथ तीर्थ, मेवानगर, बाड़मेर देवेन्द्रराज मेहता संस्थापक एवं मुख्य संरक्षक प्राकृत भारती अकादमी, जयपुर

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