Book Title: Tattvagyan Mathi
Author(s): Shrimad Rajchandra, 
Publisher: Shrimad Rajchandra Ashram

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Page 9
________________ श्रीमद् राजचन्द्र प्रणीत तत्त्वज्ञान माथी (१) पुष्पमाळा रात्रि व्यतिक्रमी गई प्रभात थयु, निद्राथी मुक्त थया भावनिद्रा रळवानो प्रयत्ल करजो व्यतात राणि अने गई जिंदगी पर दप्टि फेरवी जामो सफळ पयेला वसतने माटे आनद मानो, अने आजनो दिवस पण सफळ यरो निप्पळ थयेला दिवसने माटे पश्चात्ताप परी निष्फळता विस्मृत बरो

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