Book Title: Siddhachakra Mandal Vidhan
Author(s):
Publisher: ZZZ Unknown
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= (शिनु छाक ही मंडल कोशान) =
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नमः स्वाहा । ५३ । ॐ ह्रीं अहल्लोकोत्तमकेवलभावाय नमः न्याहा ।५४ । ॐ ही अईल्लोकोत्तमनौव्यभावाय नमः स्वाहा । ५५ । ॐ हीं अहेल्लोकोत्तमोत्पादभावाय नमः स्वाहा । ५६ । ॐ ह्रीं अहल्लोकोत्तम स्थिरभावाय नम: म्वाहा । ५७ । ॐ ह्रीं अहन्छरणाय नमः स्वाहा । ५८ । ॐ हीं बर्हद्रूपशरणाय नम म्वाहा । ५९ । ॐ ह्रीं अर्हद्गुणशरणाय नमः म्वाहा । ६० । ॐ ही अर्हज्ञानशरणाय नमः म्वाहा । ६१। ॐ ह्रीं अर्शनशरणाय नमः म्बाहा । ६२ । ॐ ह्रीं अहीर्यशरणाय नमः म्वाहा । ६३ । ही अर्हदभिनिबोधशरणाय नमः स्वाहा । ६४ । ॐ ही अहवादशागाय नम म्याहा । ३५॥ ॐ ही अहंदवधि शरणाय नमः स्वाहा । ६६ । ॐ हीं अईन्मन.पर्ययशरणाय नमः म्वाहा । ६७ ही महत्केवलशरणाय नम: म्वाहा । ६८1ॐ ह्रीं अहत्केवलारणरूपाय नम स्वाहा ।।९। ॐ हीं अईकेवलधर्मशरणाय नम स्वाहा ।७। ॐ ह्रीं अर्हत्केवलमगलशरणाय नम स्वाहा ।७१। ॐ ही अहन्मगलगुणशरणाय नम म्याहा |७२। ॐ ह्रीं अहन्मगलज्ञानगुणशरणाय नम म्वाहा । ७३ । ॐ हीं आईन्मंगलदृष्टिशरगाय नमः स्वाहा । ७४ । ॐ ही अर्हन्मंगलबोधारणाय नम. म्बाहा । ७५। ॐ ही अर्हन्मगलमन पर्ययशरणाय नम म्वाहा । ७६ । ॐ हूँ। अर्हन्मंगलकेवलशरणाय नम. म्वाहा । ७७ । ॐ ही अहन्मगलकेवलगुणगरणाय नम न्वाहा । ७८॥ ॐ ह्रीं अईल्लोकोत्तमशरणाय नम. स्वाहा । ७२ । ॐ है। अल्लोकोत्तमगुणगरणाय नमः स्वाहा । ८० । अहीं अह लोकोत्तमज्ञानशरणाय नम. स्वाहा । ८१ । ॐ ही पहल्लोकोत्तमदर्शनशरणाय नमः स्वाहा।८२॥ ॐ ही अहल्लोकोत्तमवीर्यशरणाय नम ग्वाहा । ८३ | ॐ ह्रीं अहल्लोकोत्तमयीगंगुणशरणाय नमः स्वाहा ।८४॥ ॐ ह्रीं अहल्लोकोत्तनद्वादशागशरणाय नम स्वाहा । ८५। ॐ ही अहलोकोत्तमाभिनिवोचशरणाय नमः
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