Book Title: Shravak Pragnapti
Author(s): Keshavlal Premchandra
Publisher: Nirnaysagar Press

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Page 12
________________ धनसूचनाप्रदानादिनोपकृताः । अतस्तदपि कृतज्ञतया स्मृतिपथमुपनीयते ऽङ्कनावसरे । यस्तावत्स्वकीयानि पुस्तकानि प्रदतानि तेऽप्युपकार एव । पुरुषधर्मत्वाद्धान्तेस्तथाज्ञानदोषाच्च यदत्र स्खलितं तत्सुधीभिः क्षन्तव्यमिति पुनःप्रार्थ्य श्रीसंघसमक्षं तत्प्रायोगिकमिच्छामि दुक्कडं दीयते । । संशोध्याङ्कयिता अहमदाबाद प्रेमचंदतनयः नगरम् - केशवलाल बी.ए.एल. एल. बी. दावदावदवथुहृयथाभ्रवृन्दवारियम् मोददायि तद्वदेव धर्मवस्तुं कर्तरि दम्यभव्यदेशविरतसर्वविरतदुष्कृतिरमणहन्तृ नोवचष्टिकृढीकृतड्डक ॥ १ ॥ - -

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