Book Title: Satsadhu Smaran Mangal Path
Author(s): Jugalkishor Mukhtar
Publisher: Veer Seva Mandir

View full book text
Previous | Next

Page 6
________________ UA धन्यवाद TRENSTERS + + - श्रीमान् बाबू नन्दलालजी जैन, सुपुत्र सेठ रामजीवनजी सरावगी, कलकत्ताने अपनी इकलौती पुत्री स्वर्गीया श्रीमती तारावाई खेमकाकी पवित्र स्मृतिमें, उसकी अन्तसमयसे कुछ दिन पहलेकी इच्छाके अनुसार, एकहजार रुपयेकी रकम 'वीरसेवामन्दिर' सरसावाको ग्रन्थ प्रकाशनार्थ प्रदान की है। उसी सहायतासे यह सुन्दर पुस्तक प्रकाशित की जा रही है और आगे और भी पुस्तकें प्रकाशित होंगी। इस उदारता और श्रुतसेवाके लिये आपको हार्दिक धन्यवाद है। SSSSSSSSSSSSSSSSS DENTEREn प्रकाशक UEURelan CUCCURRICURV FEERIEEERFREEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEEE

Loading...

Page Navigation
1 ... 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 ... 94