Book Title: Saral Sanskritam Prathama
Author(s): Bhaktiyashvijay
Publisher: Divyadarshan Trust

View full book text
Previous | Next

Page 292
________________ अमधेनु गाय = कामदुह् [21] प्रथम = सदा [8] प्रायम = सदैव [10] अयम = नित्य [12] प्रथम भाटे - सर्वदा [19] प्रयोत्सर्ग = कायोत्सर्ग [32] $1291 - कारण [25] २ = हेतु [27] अर्थ - कार्य [20] ta = काल [25] Sieni [8] डीओ - कीटक [14] डीर्ति = प्रतिष्ठा [31] झुंटुंज = कुटुम्बक [10] डुंटुंज = कुटुम्ब [32] डुजेर - धनपति [12] डुमार- कुमार [30] डू६। भारवा = उत्+पत् [8] वो कूप [12] = कृतज्ञता - कृतज्ञता [31] 1⁄2 - प्रसाद [12] } - तु [7] # 3- यदुत [12] = }भ = कथं [16] }वी रीते = कथं [16] प्रेमण - कोमल [31] कुत्र [6] suial-gh: [12] ક્યારે - कदा [8] ક્યારેય પણ “ *भ = क्रम [27] मुझे उरीने - क्रमशः [27] श्रेषऽवो - क्रुध् [3] = कदापि [31] = auung = far (ar) [2] ug [31] | क्षुद्र = क्षुद्र [31] जराज = अशुभ [27] जराज अम दुष्कृत [22] जराज गति दुर्गति [15] जरी पडवु = स्रंस् [12] | रेजर = हि [8] 44242 = fanct [31] भावु खाद् [3] | जोटु = असत्य [9] जीसी ४धुं = उद् + बुध् [32] खुश २ - प्री (प्रीण) [19] खुश धनुं - तुष् [3] = खुश थधुं मुद् (मोद्) [13] खुश थधुं प्री (प्रीण) [19] खुशी = आनन्द [30] जूजसूरती = सौन्दर्य [12] यवुं आ + कृष् [21] पेडवु = कृष् [4] जेडूत = कृषीवल [9] जेतर क्षेत्र [8] पोटु अलीक [15] पोटु = व्यलीक [25] जो अभ= दुष्कृत [22] |सी ४ = स्रंस् [12] जसेडवुं निर् + कृष् [14] | ખળભળવું = ક્ષુખ્ [4] | पारं लवण [12] = || = उपराग [26] पासी ४ग्या अवकाश [12] घंट घण्टा [31] = गुभ्रातराभ्य = गुर्जर [31] गुभराती = गुर्जर [31] गुनो अपराध [11] गुरु = गुरु [14] ગુસ્સો કરવો – રુણ્ [6] गुस्सो क्रोध [13] गुस्सो वो कुप् [16] = गोयरी - भिक्षा [23] गौतमस्वामी - गौतम [9] ग्रन्थ = ग्रन्थ [20] -: [15] गाधर = गणभृत् [27] गशवु = गण् [7] गभवु = रुच् (रोच्) [12] गरीब दरिद्र [26] गर्भना १२वी गर्ज् [7] गांडु थवं मद् (माद्) [4] गाय = धेनु [14] [डिया - क्रिया [24] २ = निर्घृण [27] क्षमा १२वी - क्षम् (क्षाम्) [5] क्षमा रवी - क्षम् [11] = હજી સરલ સંસ્કૃતમ્-૧ ૨૨૪૨૦૮ = 43491 = GRT [11] घडो = घट [12] घशां अघां अनेक [22] धधुं असङ्ख्येय [10] घणुं जघु = बहु [26] ६२ - गृह [17] = ६२ - आस्पद [20] धरडी = वृद्ध [31] = घास - तृण [10] ઘોષણા કરવી – ધુણ્ [6] धुव3 = घूक [27] घेसाथ - मुह [3] घोडो तुरग [16] यढवु = आ + ह् [13] = चन्द्र चन्द्र [12] यन्द्र = शशिन् [20] |यन्द्र = चन्द्रमस् [21] यरवु = चर् [1] यांनी = ज्योत्स्ना [12] | = सेवा [20] an ongel-fan: [26] यास = चर् [1] यास चल् [1] | योर = चुर् (चोर) [6] ૠૠૠગુ.સં.કોશ જ

Loading...

Page Navigation
1 ... 290 291 292 293 294 295 296 297 298 299 300 301 302 303 304