Book Title: Sanskar Bhaskar
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Page 495
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 32 संस्कार-15/मातृगणाःसर्वेस्वशत्यापूजितामया // इष्टकामप्रसिद्धयर्थपुनरागमनायच॥१॥आभास्कर. // 27 // वाहितदेवताःम्बाथानेगच्छतेत्युत्थापयेत् // ततआचार्योनदिन्यादिमंडपमातृणां / / समुच्यतेनह सफयित्वा॥ नंदिन्यादिमातृणांपर्णानिनिदध्यात् ॥त सायजमानःपत्न्यासंहारोवधूश्चतनोन्नौगवायाचार्य:जलसिंचतियोगि? शणयहाभ्यंतरमारभ्यमंडपांतंत्रिवारंगवतागृहातारपआचायःजलासचातसापि / / / द्यौःशांतिरितिमंत्रेण॥धरापातनोत्तरतेनैवमंत्रेणतन्धारापातयत् // वसापावत्रमास भिषिच्यशूर्पस्थमातृपलवानिमंडपोपरिनिक्षिप्य // ईशान तनवमत्रतमारपल्लवै सपत्नीकंयजमानमा विमुच्य ॥ततःसूत्रवेष्टितेद्वेपूगीफलेआचार्योगृहीत्वायजमानाय ATTENT तद्यथा // सपत्नीकयजमानस्यांजलौ॥शिवाआपःसंतु // संतुशिवाआप हास्यमस्तु॥अस्तुसौमनस्यं // अक्षतंचारिष्टंचास्तु // अस्त्वक्षतमरिष्टंच॥ RA nococcee // 27 // For Private and Personal Use Only

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