Book Title: Rup Jo Badla Nahi Jata
Author(s): Moolchand Jain
Publisher: Acharya Dharmshrut Granthmala

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Page 12
________________ कहना क्या चाहते हो तुम ? 193 ठीक है मंत्री जी इससे हमारे दो काम बन जायेगें । वह हमे उपदेश भी देगा जिससे हमारे दुख दूर हो जायेगा, और उसकी परीक्षा भी हो जायेगी अगले दिन राजदरबार में ब्रह्मगुलाल को बुलाया गया और... अच्छा, तुमको समय दिया जाता है। महाराज, एक परीक्षा उसकी और लेनी होगी उसे दिगम्बर मुनि का वेष बनाने के लिये कहा जाये, फिर देखते हैं कि वह कहां तक हो जाता (U ब्रह्मगुलाल, पुत्र शोक ने हमें परेशान कर रखा है, किसी तरह से भी चैन नहीं पड़ती। बहुत भूलना चाहते हैं पर भुलाया नहीं जाता। हमारी एक इच्छा है, तुम दिगम्बर मुनि का रूप धारण करके आओ, और हमें सम्बोधन दो, ताकि हम उस दुख को भूल सकें । AIWA H 10 ठीक है, महाराज । उस रूप राजन आपकी आज्ञा शिरोधार्य । परन्तु महाराज इसके लिये छः महीने का समय चाहिये।

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