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(ट० (२) इस साध्य और आगे की बाजी२ साध्यों के सावित करने में इस स्वयंसिद्धि को मान लिया है कि अगर दो बराबर चीज़ों में से एक किसी तीसरी चीन से बड़ी हो तो दूसरी भी उससे बड़ी होगी
अभ्यास (२८) ब सफ त्रिभुज के तीनों अन्त: कोनों का योग (१६ वौं साध्य देखो) त्रिभुज अ ब स के तीनों अन्तः कोनों के योग के बराबर है
(३०) किसी सीधी रेखा पर एक बिंदु से एक से ज़ियादा लम्ब नहीं गिर सक्त है
(३१) अगर किसी बिंदु से एक सीधी रेखा जो एक दी हुई मीधी रेखा के साथ एक अधिक कोन और एक न्यन कोन बनावे खींची जाय
और उसी बिंदु से उसी रेखा पर एक लम्ब गिराया जाय तो साबित करो कि लख न्यून कोन की तरफ़ गिरेगा
(३२) एक बिंदु से किसी मौधी रेखा तक दो से ज़ियादा बराबर रेखा नहीं खिच सक्ती हैं
साध्य १७ प्रमेयोपपाद्य मा० सत्व विभुज के हर दो कोन मिलकर दो समकोन से छोटे होते हैं वि० सत्र फ़र्ज़ करो कि अबस एक त्रिभुज है
तो उसके हर दो कोन मिलकर दो समकोन से कम होंगे अं० किसी बस भुज को द तक बढ़ाओ उप० चूंकि असद कोन अब स त्रिभुज का बहिः कोन है इसलिये असद कोन अपने सामने के अ ब स अन्तः कोन से बड़ा है
सा० १६ इन दोनों बराबरों में से हर एक में अस ब कोन मिलाश्री इसलिये असद और अ स ब कोन मिलकर अबस और अस ब कोनों से बड़े हैं
बस
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