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( १२२ ) लेकिन विभुजअवस बराबर है विभुजद यफ के (फज ) इसलिये विभुजदयफ बराबर है त्रिभुज ज य फ के स्व० १
यानी बड़ा विभुज बरावर हे छोटे त्रिभुज के और यह बात नामुमकिन है
इसलिये अज समानांतर बफ की नहीं है इसी तरह साबित होसला है कि कोई सीधी रेखा सिवाय अद के बफ की समानान्तर नहीं है
इसलिये भाव समानान्तर अफको है फल इसलिये जो बराबर लिमज बराबर आधारों पर आद्योगत यही साबित करना था
दि. १ वह माय अडतीस साध्य का विलोम है व्योर व्यतिरेक युक्ति #साबित को गयो है इसको बर्ग र व्यतिरेक युक्ति के इस तरह साबित मारते है
बद और स द मिलायो
कि बिनुज द बस बराबर ले निनुज द यफ के (२११०३८) पौर त्रिभुज द य फ बराबर है त्रिभुज अवस के ( फज ) इमलिये निम्न अबस बराबर है बिभुज द बस के ( स्व० १) और इसलिये अद समानान्तर है बफ की
( मा ६६) टि० २ सैंतीसवीं और अडतीमी साध्यों का दूसरा बिलो " व्यगा बराबर त्रिभुज एकही समानांतर रेखायों के एमियान हो या सादर उ. चाई रखते हों तो वह या तो एकही अाधार पर या बराकर जगाधरों पर होंगे" सही है इमको साबित करो टि० ३ अगर पर्ष उन सब बराबर त्रिभुजों के जो एकही बाधार पर या एकही सीध के बराबर आधारों पर एकही तरफ शे मिलाये जांगतो एक सीधी रेखा पैदा होगी जो उन ग्राधारों की समानांतर होगी इस सीधी रेखा को उन त्रिभुजों के शीर्ष की निधि कहते हैं
रेखागणित में विन्टुयों की निधि वह मीधी या कुटिल रेखा है जिसका 'हरएक भिन्दु एक खास प्रान्त को पूरा करे और कोई औरबिन्दु इम शरीको पूरा करने वाला नहीं मसलन् दपणोदर धरातल में वह निधि विन्दुको की जिसका हर मिन्टु एक दिये हुए बिन्दु से दी हुई दूरी पर हो उस वृत्त
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