Book Title: Raj Hriday Part 14
Author(s): 
Publisher: Vitrag Sat Sahitya Prasarak Trust

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Page 440
________________ ૪૨૩ श्री वीतराग सत्साहित्य प्रसारक ट्रस्ट ___ उपलब्ध प्रकाशन (हिन्दी) ग्रंथ का नाम एवं विवरण मूल्य ०१ अनुभव प्रकाश (ले. दीपचंदजी कासलीवाल) ०२ आत्मयोग (श्रीमद् राजचंद पत्रांक-४६९,४९१, ६०९ पर पूज्य भाईश्री शशीभाईके प्रवचन) २०-०० ०३ अनुभव संजीवनी (पूज्य भाईश्री शशीभाई द्वारा लिखे गये वचनामृत्तोंका संकलन) १५०-०० ०४ आत्मसिद्धि शास्त्र पर प्रवचन (पूज्य गुरुदेवश्री द्वारा) ५०-०० ०५ आत्मअवलोकन ०६ बृहद द्रव्यसंग्रह अनुपलब्ध ०७ द्रव्यदृष्टिप्रकाश (तीनों भाग-पूज्य श्री निहालचंदजी सोगानीजीके पत्र एवं तत्वचर्चा) ३०-०० ०८ दूसरा कुछ न खोज (प्रत्यक्ष सत्पुरुष विषयक वचनामृतोंका संकलन) ०६-०० ०९ दंसणमूलो धम्मा (सम्यक्त्व महिमा विषयक आगमोंके आधार) ०६-०० १० धन्य आराधना (श्रीमद राजचंद्रजीकी अंतरंग अध्यात्म दशा परॉ पूज्य भाईश्री शशीभाई द्वारा विवेचन) ११ दिशा बोध (श्रीमद राजचंद्र पत्रांक-१६६, ४४९, ५७२ पर पूज्य भाईश्री शशीभाईके प्रवचन) २५-०० १२ धन्य पुरुषार्थी १३ धन्य अवतार १४ गुरु गुण संभारणा (पूज्य बहिनश्री चंपाबहिन द्वारा गुरु भक्ति) १५-०० १५ गुरु गिरा गौरव १६ जिणसासणं सव्वं (ज्ञानीपुरुष विषयक वचनामृतोंका संकलन) ०८-०० १७ कुटुम्ब प्रतिबंध (श्रीमद् राजचंद्र पत्रांक-१०३,३३२,५१०, ५२८,५३७ एवं ३७४ पर पूज्य भाईश्री शशीभाईके प्रवचन) २५-०० १८ कहान रत्न सरिता (परमागमसारके विभिन्न वचनामृतों पर पूज्य भाईश्री शशीभाईके प्रवचन) ३०-०० १९ मूलमें भूल (पूज्य गुरुदेवश्री कानजीस्वामीके विविध प्रवचन) ०८-०० २० मुमुक्षुता आरोहण क्रम (श्रीमद राजचंद्र पत्रांक-२५४ पर पूज्य भाईश्री शशीभाईके प्रवचन) १०-०० १०-०० २१ मुक्तिका मार्ग (सत्ता स्वरूप ग्रन्थ पर पूज्य गुरुदेवश्रीके प्रवचन) २२ निर्धांत दर्शनकी पगडंडी (ले. पूज्य भाईश्री शशीभाई) २३ परमागमसार (पूज्य गुरुदेवश्री कानजीस्वामीके १००८ वचनामृत्त) २४ प्रयोजन सिद्धि (ले. पूज्य भाईश्री शशीभाई) २५ परिभ्रमणके प्रत्याख्यान (श्रीमद राजचंद्र पत्रांक-१९५, १२८, २६४ ०४-००

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