Book Title: Purusharth Siddhyupay
Author(s): Nathuram Premi
Publisher: Shrimad Rajchandra Ashram
View full book text
________________
११.
परिशिष्ट-२
पृष्टांक
६३
मोग्यकालासनस्थानयोगदुःप्रणिधानाना-उमास्वामि
16 mm x
w
८२
वर्णाःपदानां कर्तारो-प्रमृतचन्द्रसूरि वानी विन बैन न बने-पं. टोडरमल
पृष्ठांक
सचित्तनिक्षेपापिधान-उमास्वामि सचित्तसंबन्धसन्मिश्रा-उमास्वामि सुक्कं पक्कं तत्त-स्वामिकात्तिकेय
सीहस्स कमे पडिदं-स्वामिकार्तिकेय १०४
स्यादृग्बोध चरित्ररत्ननिचयंस्वयूथ्यान् प्रति सद्भाव-स्वामिसमन्तभद्र स्तेनप्रयोगतदाहृदादान-उमास्वामि स्वभावतोऽशुचौ काये-स्वामिसमंतभद्र
स्वयंशुद्धस्य मार्गस्य-स्वामिसमंतभद्र ७२ ६१ क्षुत्पिपासाशीतोष्ण-उमास्वामि८७ क्षेत्रवास्तुहिरण्यसुवर्ण-,
श्रीगुरु परमदयाल है-पं० टोडरमल
ww
सप्पुरिसाणं दाणं-कुन्दकुन्दाचार्य सयल कुहियाण पिंडं-स्वामिकार्तिकेय सम्यग्योगनिग्रहो गुप्ति-उमास्वामि

Page Navigation
1 ... 133 134 135 136 137 138 139 140