Book Title: Purusharth Siddhyupay
Author(s): Nathuram Premi
Publisher: Shrimad Rajchandra Ashram

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Page 139
________________ (२७) उपदेशछाया प्रात्मसिद्धि : श्रीमद् राजचंद्रप्रणीत । अप्राप्य। (२८) श्रीमद् राजचन्द्र : श्रीमद्के पत्रों व रचनाओंका अपूर्व संग्रह। तत्त्वज्ञानपूर्ण महान् ग्रन्थ है। म. गांधीजी की महत्त्वपूर्ण प्रस्तावना। अधिक मूल्यके ग्रन्थ मंगानेवालोंको कमिशन दिया जायेगा। इसके लिए वे हमसे पत्रव्यवहार करें। मल्य-बाईस रुपये। श्रीमद् राजचन्द्र आश्रमकी ओरसे प्रकाशित गुजराती ग्रंथ १. श्रीमद् राजचन्द्र २. अध्यात्म राजचन्द्र ३. श्रीसमयसार (संक्षिप्त) ४. समाधि सोपान ( रत्नकरण्ड श्रावकाचारके विशिष्ट स्थलोंका अनुवाद ) ५. भावनाबोध-मोक्षमाला ६. परमात्मप्रकाश ७. तत्त्वज्ञान तरंगिणी ८. धर्मामृत ६ स्वाध्याय सुधा १०. सहजसुखसाधन ११. तत्त्वज्ञान १२. श्रीसद्गुरुप्रसाद १३. श्रीमद् राजचन्द्र जीवनकला १४. सुबोध संग्रह १५. नित्यनियमादि पाठ १६. पूजा संचय १७. पाठ दृष्टिनी सज्झाय १८. पालोचनादि पद-संग्रह १६. पत्रशतक २०. चैत्यवंदन चोबीसी २१. नित्यक्रम २२. श्रीमद् राजचन्द्र जन्मशताब्दी महोत्सव-स्मरणांजलि २३. श्रीमद् लघुराज स्वामि ( प्रभुश्री) उपदेशामृत २४. अात्मसिद्धि शास्त्र २४. नित्यनियमादि पाठ (हिन्दी) २६. Shrimad Rajchandra. A Great Scer २७. Mokshamala २८. सुवर्णमहोत्सव-पाश्रम परिचय २६. ज्ञानमंजरी ३०. अनित्यपंचाशत् तथा हृदय प्रदीप ३१ अध्यात्मरसतरंग २२. प्रात्मानुशासन । आश्रमके गुजराती प्रकाशनोंका पृथक् सूचीपत्र मंगाइये। सभी ग्रन्थों पर डाकखर्च अलग रहेगा। प्राप्तिस्थान: १. श्रीमद् राजचन्द्र प्राधम, स्टेशन-प्रगास पो. बोरिया, वाया-प्राणंद [ गुजरात ] २. परमश्रुतप्रभावक-मंडल [श्रीमद्रराजचन्द्रजैनशास्त्रमाला ] चौकसी चेम्बर, खाराकुवा, जौहरी बाजार, बम्बई-२

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