Book Title: Prakrit Vyakaran Praveshika
Author(s): Satyaranjan Banerjee
Publisher: Jain Bhavan

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Page 25
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra २४ विभक्ति प्रथमा द्वितीया तृतीया चतुर्थी पंचमी षष्ठी सप्तमी सम्बोधन विभक्ति प्रथमा द्वितीया तृतीया चतर्थी 6 पंचमी षष्ठी सप्तमी सम्बोधन www.kobatirth.org प्राकृत व्याकरण प्रवेशिका इकारान्त स्त्रीलिंग शब्द का रूप बद्धि एकवचन बुद्धी बुद्धिं बुद्धीअ, बुद्धी, बुद्धीइ बद्धिए बुद्धीअ, बुद्धी, बुद्धीइ, बुद्धीए, बुद्धीउ, बुद्धीओ, बुद्धित्तो, बुद्धीहिंतो एकवचन Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir बुद्धीअ-आ-इ-ए बुद्धीअ-आ-इ-ए बुद्धि, बुद्धी ईकारान्त स्त्रीलिंग शब्द का रूप नई, नई, नईओ, नइत्तो, नई, नईउ-हिंतों नईअ, आ-इ-ए नईअ, आ-इ-ए नई, नई बहुवचन बुद्धी, बुद्धीओ, बुद्धीउ बुद्धी, बुद्धीओ, बीउ बुद्धीहि-हिं-हिं For Private and Personal Use Only बुद्धित्तो, बुद्धीओ, बुद्धीउ, बुद्धिर्हितो तो बुद्धीण बुद्धीसु-सुं बुद्धी, बुद्धिओ, बुद्धीउ नई नई नई, नई, नईइ, नईए नईहि - हिं- हिं बहुवचन नई, नईओ, नईउ नई, नईओ, नईउ नइत्तो, नईओउ-हिंतो-संतो नईणणं नईस सं नई, नईओ, नईउ

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