Book Title: Prakrit Kavya Manjari
Author(s): Prem Suman Jain
Publisher: Rajasthan Prakrit Bharti Sansthan Jaipur

View full book text
Previous | Next

Page 203
________________ १०. गणधराद ५०-०० : (पं० दलसुखभाई मालवरिया लिखित गुजराती गणधरवाद का हिन्दी अनुवाद) अनु० प्रो० पृथ्वीराज जैन सम्पादक महोपाध्याय विनयसागर ७०-०० ११. जैन इन्सक्रिप्सन ऑफ : (राजस्थान के प्राचीन ऐतिहासिक एवं राजस्थान वैशिष्ट्य पूर्ण जैन शिलालेखों, मूर्तिलेखों का परिचयात्मक वर्णन) रामवल्लभ सोमानी १५-०० १२. एग्जेक्ट सायन्स फ्रोम : प्रो० लक्ष्मीचन्द जैन जैन सोर्सेज पार्ट। बेसिक मेथेमेटिक्स १३. प्राकृत काव्य-मंजरी : ग. प्रेमसुमन जैन १६-०० २०.०० १४. महावीर का जीवन : प्राचार्य काका कालेलकर सन्देश-युग के सन्दर्भ में १५. जैन पोलिटिकल थोट : डॉ0 जी0 सी0 पाण्डे १६. स्टडोज ऑफ जैनिज्मः डॉ0 टी0 जी0 कलघटगी २५-०० ३५-०० Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 201 202 203 204