Book Title: Prakrit Hindi kosha
Author(s): K R Chandra
Publisher: Prakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad

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Page 876
________________ ८५७ सुघ-सुर्छ सक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष राजा । न. नगर-विशेष । | कुमारी, जो चेटकराज की पुत्री थी। सुघ (अप) देखो सुह = सुख । सुजेट्टा देखो सजिट्टा। सघटू वि [संघष्ट] अच्छी तरह घिसा हुआ। सुजोसिअ वि [सुजोषित] सुष्ट क्षपित, सम्यग् सुघरा स्त्री [सुगृहा] मादा-पक्षी को एक जाति विनाशित । जो खूब सुन्दर घोंसला बनाती है । सुज्ज पुं [सूर्य] सूरज । आक का पेड़ । दैत्यसुघोस [सुघोष]एक कुलकर । एक पुरोहित । विशेष । पुन. एक देव-विमान । °कंत पुन पुन. सनत्कुमार देवलोक का एक विमान । । [कान्त] एक देव-विमान । °ज्झय पुन लान्तक नामक देवलोक का एक विमान । [ध्वज] देव-विमान-विशेष । °प्पभ पुन वि. सुन्दर आवाजवाला । एक नगर । [प्रभ] एक देव-विमान । °लेस पुन [°लेश्य] सुघोसा स्त्री [सुघोषा] गोतरति नामक गन्ध एक देव विमान । °वण्ण पुन ["वर्ण] देवर्वेन्द्र की एक पटरानी । गीतयश नामक गन्धर्व | विमान-विशेष । °सिंग पुन [°शृङ्ग] एक की एक पटरानी । सुधर्मेन्द्र का प्रसिद्ध घंटा । देव-विमान । 'सिट्ठ पुंन [°सृष्ट] एक देववाद्य-विशेष । विमान । °सिरी स्त्री [°श्री एक ब्राह्मण कन्या । °सिव पुं [शिव] एक ब्राह्मण । सुचंद पुं [सचन्द्र ऐरवत वर्ष में उत्पन्न दूसरे जिन-देव । हास पुं. तलवार की एक उत्तम जाति । सुचिण्ण वि [सुचीर्ण] सम्यग् आचरित । °भ न. वैताढय की उत्तर-श्रेणि का एक सुचोइअ वि [सुचोदित] प्रेरित । विद्याधर-नगर । वित्त पुंन [वर्त] एक सुच्च वि [शोच्य] अफसोस करने योग्य । देव-विमान । देखो °सूर, सूरिअ = सूर, सुच्चा देखो सुण = श्रु। सूर्य। सुजंपिय न [सुजल्पित] आशीर्वाद । | सुज्जाण वि [सुज्ञान] सयाना । सुज्जुत्तरवडिसग पुंन [सूर्योत्तरावतंसक] एक सजड पुं[सुजट] एक विद्याधर-नरेश । । देव-विमान । सुजस पुं [सुयशस्] एक जिनदेव का नाम । | सुज्झ अक [शुध् ] होना । वि. यशस्वी। सुजसा स्त्री [सयशस् ] चौदहवें जिनदेव की | सुज्झंत वि [दृश्यमान] सूझता, दीख पड़ता, माता । एक राजपत्नी । मालूम होता। सुजह वि [सुहान] सुख से जिसका त्याग हो । सुज्झय न [दे] चाँदी । पुं. धोबी । सुजाइ वि [सुजाति] प्रशस्त जातिवाला। | सुज्झरय पुं दे] धोबी। सुजाण वि [सुज्ञ सयाना, अच्छा जानकार । सुज्झवण न [शोधन] शुद्धि, प्रक्षालन । सुजाय वि [सुजात] सुन्दर जाति में उत्पन्न, सुज्झाइ वि [सुध्यायिन्] शुभ ध्यानी । कुलीन, खानदानी। अच्छी तरह उत्पन्न, | सुज्झाइय वि [ सुध्यात ] अच्छी तरह सुन्दर रूप से उत्पन्न । न. सुन्दर जन्म । पुं.. एक राज कुमार । पुंन. एक देव-विमान । सुठ्ठिअ वि [सुस्थित] सम्यक् स्थित । पुं. लवण सजाया स्त्री [सजाता] कालवाल आदि लोक- समुद्र का अधिष्ठायक देव । आर्यसुहस्ति पालों की पटरानियों के नाम । राजा श्रेणिक | आचार्य का शिष्य एक जैन महर्षि । की एक पत्नी। सुट् ठु) अ [ सुष्ठु ] अच्छा, शोभन । सुजिट्टा स्त्री [सुज्येष्ठा] एक महासती राज-सुळु ) अतिशय । १०८ चिन्तित । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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