Book Title: Prachin Bharatiya Abhilekh
Author(s): Bhagwatilal Rajpurohit
Publisher: Shivalik Prakashan
View full book text
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
358
प्राचीन भारतीय अभिलेख
निमाड, 71 निमूवारि, 178 निरूपमदेव, 212 निषाद, 66 नीरानदी, 212 नीरानामक, 213 नीलराज, 90 नेपाल, 8, 90 नेल्लोर, 90 नोन्न, 286 नोहला, 281 नोहलेश्वर, 286 नौहलेश्वर, 283
प
प्रकाशधर्मा, 9, 140 प्रकाशेश्वर, 141 प्राचीनिक सरुकमाण, 55 प्रार्जुन, 91 प्रतिष्ठानपुर, 71 प्रथम, 281 प्रबन्ध चिन्तामणि,5 प्रभाकरवर्धनदेव, 168 प्रभारवर्धन, 76 प्रभास, 58 प्रभूतवर्ष, 224 पृच्छकराज, 223 पृथ्वीवल्लभ, 174 पञ्चागुलि, 151 पर्णदत्त, 113, 115 पत्तन, 285 पतिक, 45 पतंजलि के महाभाष्य, 66 पदमावती, 90
पदिमनी, 184 पन्नवणा सूत्र, 3 परमार, 296 पराणक, 214 पल्लवाधीश, 177 पल्लवों, 226 पलक्कड़,90 पलाशिनी, 64, 115 पहलव, 67, 71 पवाया, 90 पश्चिमपुर, 130 पश्चिम मालवा, 90 पत्रमंजरि, 7 पाकिस्तान, 1,3 पाटक, 242 पाटलिपुत्र, 27, 89, 99 पाण्ड्य , 12, 16, 178, 209, 226 पाण्ड्य राज, 38 पाणिनि, 2 पातालमल्ल, 228 पारादा, 58 पारियात्र, 66,71, 148 पालक्क, 90 पालितक, 241 पाली, 278 पिचाशी पद्रक, 72 पिण्डारविटिजोटिका, 241 पिण्डितकावट, 58 पिठापुरम्, 177 पितनिक, 16 पिपरवा, 3 पिपहरवा, 4 पिष्टपुर, 177
For Private And Personal Use Only

Page Navigation
1 ... 352 353 354 355 356 357 358 359 360 361 362 363 364 365 366 367 368 369 370