Book Title: Patrika Index of Mahabharata
Author(s): Parshuram Lakshman Vaidya
Publisher: Bhandarkar Oriental Research Institute
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________________ कुर्वन्ति तेषां कर्माणि] सोकपादसूची [कुर्वाणं कर्म दुष्करन् कुर्वन्ति तेषां कर्माणि 5. 76. 5. कुर्वन्त्याशु न संशयः 12. 50*.6 post. कुर्वन्ति दुर्बुधा वासं 11. 7. 4. कुर्वन्त्येव हि हिंसां ते 3. 199. 29deg. कुर्वन्ति धनकारणात् 12. 20. 8. कुर्वन्दानं स्वशक्तितः 13. App. 15. 3793 post. कुर्वन्ति धमै मनुजाः 12. 286. 33. कुर्वन्धर्मान हीयते 13. 37. 194. कुर्वन्ति पुरुषर्षभाः 7. 169. 3. कुर्वनटति सर्वशः 1. 250*. 3 post. कुर्वन्ति पुरुषाः कर्म 12. 32. 12. कुर्वन्नपि तथैव स्यात् 12. 34. 230. कुर्वन्ति प्रतिरूपकैः 12. 56. 52. कुर्वनपि न लिप्यते 6. 27.74. कुर्वन्ति प्राणाधारणम् 122 185. 18 कुर्वनापि न हिंसकः 13. App. 15. 2378 post. कुर्वन्ति भक्तिमिष्टां च 3. 286. 3. कुर्वन्नमरशासनम् 3. 218*.2 post. कुर्वन्ति भेषजं प्राज्ञाः 8. 27. 84. कुर्वनादिगुरुमहान् 12. App. 29C. 19 post. 13. App. 3. कुर्वन्ति भ्रातरश्चास्य 9. 33*. 3 pr. 194 post. कुर्वन्ति ये पापतरास्त एव 12. 433*. 4. कुर्वनामोति किल्बिषम् 6. 26. 21"; 40. 476. कुर्वन्ति विपुलं स्वनम् 6. 8. 22'. कुर्वनामापसव्यतः 8. 331*. 3 post. कुर्वन्ति सुमनोरमम् 9. 36. 11'. कुर्वन्नार्तस्वरं घोरं 9. 59. 4. कुर्वन्ति हृतचेतसः 13. App. 15. 2861 post. कुर्वन्निव सपत्नहन् 3. 164.16. कुर्वन्ती गगनाच्युता 3. 108. 12. कुर्वनिःशर्कर मार्ग 14.52. 5. कुर्वन्तीति विनिश्चयः 13. App. 15. 2029 post. कुर्वनुत्तरशोणिताम् 7. 68. 56*. कुर्वन्तीं प्रभया देवी 3. 65. 10deg. कुर्वनेकादशी नृप 13. 87. 14. कुर्वन्तीं मां प्रदक्षिणम् 13. App. 15. 299 post. कुर्वन्पापात्प्रमुच्यते 13. App. 15. 2828 post. कुर्वन्तु कार्य सरथाः सनागाः 3. 893*. 2. कुर्वन्पूर्व विमानितः 5. 50. 234. कुर्वन्तु मम सायकाः 2. App. 28. 191 post. कुर्वन्प्राज्ञो न सीदति 2. 12. 234. कुर्वन्तु यदिहेच्छसि 14. 94. 15. कुर्वन्ब्राह्मणशासनम् 7. App. 8. 865 post. कुर्वन्तु शान्तिकां त्वद्य 14. 80.9. कुर्वम्भवच्छासनमाशु यातः 13. 70. 14. कुर्वन्तु सर्वे चानृतं धर्मराज 2. 62. 25deg. कुर्वन्भेषजमात्मनः 12. 237. 10. कुर्वन्तो जनसंसदि 4.42.28. कुर्वन्ययौ शक्र इवामरेभ्यः 6. 22.84. कुर्वन्तोऽध्ययनं यथा 8. 27.71". कुर्वन्यो लोभयन्त्यश्च 1. 2040*. 4 pr. कुर्वन्तो निन्दितानि च 5. 133. 10. कुर्वन्रथान्विपुरुषान् 5. 50. 34". कुर्वन्तोऽम्यान्महीक्षितः 1.55.26%3 205.11. कुर्वन्वसति सर्वेषु 12. 66. 22deg. कुर्वन्तो भीषणान्नादान् 16. 16*. 1 pr. कुर्वन्विगतमत्सरः 3. 246. 6. कुर्वन्तो भैरवं रवम् 12. 101. 46. कुर्वन्सर्वत्र सिध्यति 12. 227. 2903; 230. 14. कुर्वन्तो मनुजास्ततः 12.59. 18. कुर्वन्सिद्धिमवाप्स्यसि 6. 34. 10. कुर्वन्तो महदाकुलम् 6. 86. 31". 8. 40.534.9.8. 14. कुर्वन्सीमन्तं नमसो भीमरूपः 8. 1088*. 4. 10.8.859. कुर्वन्सुखमवाप्नुयात् 12. 68. 49. कुर्वन्तो विविधान्नादान् 8. 40. 54. कुर्वन्सुतुमुलं युद्ध 1. 28. 13. कुर्वन्तो वृष्णयस्तदा 16. 3.8deg. कुर्वस्तत्फलमामोति 12. App. 17B. 140 pr. कुर्वन्तो व्याकुला दिशः 6. 89. 380. कुर्वस्तत्र तु साहाय्यं 13. App. 15. 3814 pr. कुर्वन्तौ पुरुषर्षभौ 7. 993*. 1 post. कुर्वाणमतिमानुषम् 4. 32. 184. 7. 40. 3. 8. 32. 35*3; कुर्वन्तौ सुमहत्कर्म 8. 35*. 2 pr. 56. 14. कुर्वन्तौ सुमहाबलौ 9. 27. 64. कुर्वाणमनिलात्मजम् 7. 25. 10. कुर्वन्त्यतिथिपूजार्थ 12. 236. 9. कुर्वाणश्चोत्तमं कर्म 9.60. 35". कुर्वन्त्य र्चनवन्दनम् 3. App. 1. 61 post. कुर्वाणस्य मनो वशे 12.208. 18. कुर्वन्त्या तु तया तत्र 1. 203. 22". कुर्वाणं कर्म दारुणम् 5. App. 13. 40 post. 8. 45.474. कुर्वन्त्याभूतसंप्लवम् 3. App. 1. 47 post. कुर्वाणं कर्म दुष्करम् 7. 126. 3043; 143. 31. 8. 9. 6. पादसूची-98 - 777 -

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