Book Title: Patrika Index of Mahabharata
Author(s): Parshuram Lakshman Vaidya
Publisher: Bhandarkar Oriental Research Institute

View full book text
Previous | Next

Page 790
________________ कुले चेद्विद्यते पुमान् ] महाभारतस्थ [ कुवलाश्वस्तु नृपतिः कुले चेद्विद्यते पुमान् 12. 137. 684. कुले चैव विवर्धिता 3. 287. 25. कुले जन्म च भारत 5. 73. 22. कुले जन्म च संस्मर 9. 30. 200. कुले जन्म तथा वीर्य 12. 28. 23. कुले जन्म प्रशंसन्ति 2. 15.8". कुले जातस्य भारत 1. 109. 11'. कुले जातस्य वीरस्य 7.54. 136. कुले जातस्य वृद्धस्य 5. 70. 18%. कुले जातस्य शूरस्य 5. 157.9%. कुले जातं बहुश्रुतम् 12.87.27%; 215. 4. कुले जातं मनस्विनम् 4. 38. 13. कुले जातं विशारदम् 4.694*.2 post. कुले जातानरोगिणः 12.57. 23. कुले जातान्बहुश्रुतान् 13. 90. 334. कुले जातान्सर्वधर्मोपपत्रान् 5. 30.74. कुले जाता मनस्विनः 2. 14.6. कुले जाता महागुणाः 3. 199. 30. कुले जाता यथा वदेत् 4.3. 19. कुले जाता विभावरी 5. 131. 24. कुले जाताच क्लिश्यन्ते 3. App. 21. 24". कुले जातां यशस्विनीम् 5. 518*. 1 post. कुले जातां विभावरीम् 2. 72. 13. कुले जाताः प्रवव्रजुः 12. 112. कुले जाते यशस्विनि 5. 135. 12. कुले जातो धर्मगतिः 13. 8. 11. कुले जातो धर्मवान्यो यशस्वी 5. 32. 18%. कुले जातो यशस्विनि 3. 32.8. कुले तव तथैवास्तु 5. 102. 8. कुले तव नृपोत्तम 3. 241. 26'. कुले तस्य समुत्पन्नां 12. 308. 182.. कुले धनसमन्विते 13. 104. 17. कुले धर्मपरायणे 4. App. 16. 17 post. कुलेन च विशिष्टोऽसि 5. 6. 36. कुलेन रूपेण बलेन युक्तः 1. 176. 35. कुलेन वपुषा श्रिया 13.2.35. कुलेन सहशास्तथा 12. 108. 30. कुलेनाभिजनेन च 5. 149. 12. कुले नास्ति समो रूपे 4. 167*. 1 pr. कुले पुण्ययशःकर्मा 2. App. 21.723 pr. कुले प्रीतिं मातृतश्च प्रसाद 13, 16. 6. कुले भवति धीमताम् 6. 28. 42. कुले मत्स्यस्य विश्रुते 4. App. 49. 25 post. कुले महति जातासि 14. 60. 34". कुले महति जातास्मि 3. 13. 107". कुले महति जातेन 12. 308. 170*. कुले महति जायते 13. 109. 2243; 528*.1 post. कुले महति तिष्ठति 5. 93.7. कुले महति भारत 1. 94. 576. कुंले महति मात्स्यके 4. App. 48. 29 post. कुले महति विख्याते 12. 341. 4. कुले महति विन्दति 3. 245. 24. कुले ये च विवर्धिताः 8. 4. 49. कुले वंशोऽस्य हीयते 13. App. 14. 286 post. कुले शिनिरभूपः 7. 119.84. कुलेषु कलहा जाताः 12. 108. 276. कुलेषु जाता हीमत्यः 11. 18. 139. कुलेषु जाताः कल्याणि 2. 62. 18%. कुलेषु तेषु जायन्ते 13. 133. 23deg. कुलेषु पापरक्षांसि 12.91.316. कुलेषु पुरुषाधमाः 5. 72. 174. कुलेषु समयानि च 14. App. 1. 54 post. कुले समुत्पत्स्यति गोमिनां सः 13. 78. 274. कुलेषु सर्वेऽनवमेषु जाताः 3. 252. 11'. कुलेष्वा दशमाधुगात् 12. 137. 68. कुले सुबहुगोकुले 13. 63. 25. कुले स्त्रियौ रोहिणी देवकी च 1. 189. 314. कुलेऽस्मिन्कुलपांसनः 5. 146. 19". कुलेऽस्मिन्नृपसत्तमैः 1. App. 61. 24 post. कुले हन्यात्तथा परान् 1. 7.30. कुलैरष्टादशावरैः 2. 13. 344. कुलैश्वर्यश्रुतिबलैः 8.23.20deg. कुलोचितमिदं कर्म 3. 198. 196. कुलोचितं विप्रथयन्तु कर्म 3. 120. 184. कुलोचितानां धर्माणां 13. App. 15. 1488 pr. कुलोच्छेदेन पाण्डवाः 5. 54. 16*. कुलोद्दयोतो विशुद्धात्मा 13. 101. 53". कुल्यानां कुरु दर्शनम् 3. 125. 124. कुख्यानि तेषां संयोज्य 15. 47. 23. कुल्यायां समुपस्पृश्य 13. 26. 53. कुल्याः कृशरवाहिन्यः 7. App. 8. 684 pr. कुवक्तारस्तु ये देवि 13. App. 15. 1796 pr.. कुवलाश्व इति ख्यातः 3. 192. 4". कुवलाश्व इति श्रुतः 3. 192.276. कुवलाश्व इति स्मृतः 3. 193.43 194.24.. कुवलाश्वस्तु नृपतिः 3. 195. 36". -782

Loading...

Page Navigation
1 ... 788 789 790 791 792 793 794 795 796 797 798 799 800 801 802 803 804 805 806 807 808