Book Title: Pathya
Author(s): Punamchand Tansukh Vyas
Publisher: Mithalal Vyas

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Page 179
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( १६० ) पथ्य अपथ्य अतिसार जुखाम मंदाग्नि निर्बलावस्था पुरानी बीमारी ज्वर चवलों के विकार में अजवायन और पीपल लेना गुणकारी है। तूर की दाल । इसमें प्रोजस तत्व (Nitrogen) बहुत है। चावल में कम है अतः चावल के साथ मिला कर खाने से दोनों खाद्य पदार्थ मिल कर ताकत देते हैं । यह भारी है देर से पचती है, खटाई से इसका गुण-शक्ति विशेष प्राप्त होता है। गर्म मसाला मिला कर खाने से यह बादी नहीं करती है। पथ्य স্মথ ज्वर . संग्रहणी স্ময় लोहीविकार गुल्म निर्वलावस्था दुर्बलावस्था सब प्रकार की दालों का पालन 'कांजी का सेवन है। For Private And Personal Use Only

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