Book Title: Niyamsar Anushilan
Author(s): Hukamchand Bharilla
Publisher: Todarmal Granthamala Jaipur

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Page 266
________________ डॉ. भारिल्ल के महत्त्वपूर्ण प्रकाशन १.समयसार : ज्ञायकभावप्रबोधिनी टीका ५०.०० २-६. समयसार अनुशीलन भाग-१ से५ (पृष्ठ २३१६) ११०.०० ७.समयसार का सार ३०.०० ८.गाथा समयसार १०.०० ९. प्रवचनसार : ज्ञानज्ञेयतत्त्वप्रबोधिनी टीका ५०.०० १०-१२. प्रवचनसार अनुशीलन भाग-१ से ३ (पृष्ठ १२८०) ९५.०० १३. प्रवचनसार का सार ३०.०० १४-१५. नियमसार अनुशीलन भाग-१ व भाग २ ( पृष्ठ ५९८) ४५.०० १६. मोक्षमार्गप्रकाशक का सार १५.०० १७. छहढाला का सार १५.०० १८.४७ शक्तियाँ और ४७ नय ८.०० १९. पंडित टोडरमल व्यक्तित्व और कर्तृत्व २०.०० २०. परमभावप्रकाशक नयचक्र १०.०० २१. जिनवरस्य नयचक्रम् १०.०० २२. चिन्तन की गहराइयाँ ३०.०० २३. तीर्थंकर महावीर और उनका सर्वोदय तीर्थ २०.०० २४. धर्म के दशलक्षण १६.०० २५. क्रमबद्धपर्याय १५.०० २६. बिखरे मोती १६.०० २७. सत्य की खोज २०.०० २८. अध्यात्मनवनीत १५.०० २९. आप कुछ भी कहो , १२.०० ३०. आत्मा ही है शरण १५.०० ३१. सुक्ति-सुधा १८.०० ३२. बारह भावना : एक अनुशीलन १५.०० ३३. दृष्टि का विषय १०.०० ३४. गागर में सागर ७.०० ३५. पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव ८.०० ३६. णमोकार महामंत्र : एक अनुशीलन ... ११.०० ३७. रक्षाबन्धन और दीपावली ३८. आचार्य कुंदकुद और उनके पंचपरमागम ३९. युगपुरुष कानजीस्वामी .. ७.०० ४०. वीतराग-विज्ञान प्रशिक्षण निर्देशिका १५.०० ४१. मैं कौन हूँ ७.०० ४२. निमित्तोपादान ३.५० ४३. अहिंसा : महावीर की दृष्टि में ५.०० ४४. मैं स्वयं भगवान हूँ ४.०० ५.०० ५.००

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