Book Title: Niti Shatak Satik
Author(s): Bhartuhari
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsun Gyanmandir भ मानरिति हेमानः हेमेदिनि हेनान हेमारून हेनेजः हेमबंधी हेजलहेश्यानोपभवनापंचन लानामेषःप्रणामांजलिः बहोमिनथाविधेयं यथापरेबमाणलीयेलीनोभवामि कथंभूनोहं यु पत्संगवशोपजान सहनोद्रेक स्फुरनिर्मलज्ञानापानसमस्लमोहमहिमायुष्याकंसंगवशलेन मातर्मेदिनितानमारुतसरखेनेजःसबंधोजलश्चानोमानवदरावभवता मेषमणा माजालियुष्यत्संगवशोपजातसुहतोद्रेकस्फुरन्नर्मलज्ञानापास्त समस्लमोहमाहिमालीयेपरेबह्माणि.. सुष्प संगवशेनउपजातो योसौस-|| || हतोद्रेकस्मात्स्फुरनिर्मल सानेन भयास्तापिरास्नासमस्तोमोहमहिमायेनमः 87 For Private and Personal Use Only

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