Book Title: Nishesh Siddhant Vichar Paryay
Author(s): Labhsagar Gani
Publisher: Jainanand Pustakalay

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Page 7
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gynam Mandir योगथी आ ग्रंथनी उपयोगिता घणीज वधी अशे ते नि:शंक छ । आ ग्रंथ नानकडा 'आगमिक कोश' रूपे काममा आवशे तेवी मारी धारणा साचीज ठरशे । __ आ गथमा अशुद्धिपत्रक साये ते ते विषयोनी अनुक्रमणिका पण मुद्रित करी छ । जेथी वाचक प्रथम ग्रंथमा रहेली अशुद्धिओने शोधी ते ते विषयोने सांकलियाथी सरलताथी मेलवी शकशे। मुद्रणकार्यमा क्वचित् क्षति नजर पर तरे पण ते प्रेस आदिना कारणे छे तो वाचको ते समक्ष नजर न नांखता अंदरना तत्त्व सामे दृष्टिने राखे तेज विनंति छ । नेमचंद मेलापचंद जैन उपाश्रय, सुरत. वि० सं० २०२९ महावद-८ रवीवार ह:- पूज्यपाद् आगमोद्धारक ध्यानस्थस्वर्गत आचार्यदेषश्री मानंदसागरसूरीश्वर्गशष्याणु सूर्योदयसागर For Private And Personal Use Only

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